सरकारी नौकरी पाने का जुनून देखना हो तो पटना में गंगा किनारे पहुंच जाइए। यहां पर आपको हज़ारों की संख्या में छात्र पढ़ाई करते दिख जाएंगे। इन्हीं छात्रों की इन दिनों सोशल मीडिया पर तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इनके जज्बे को सलाम करते नहीं थक रहे हैं।
बता दें कि पटना कॉलेज घाट, कदम घाट और काली घाट पर मौजूद ये छात्र बिहार, यूपी, महाराष्ट्र और झारखंड से हैं जो ग्रुप स्टडी और मॉक टेस्ट सॉल्व करते हैं।
नामी शिक्षक एस के झा आपको काली घाट पर इन छात्रों के बीच शनिवार और रविवार को मिल जाएंगे। वे सप्ताहांत पर 90 मिनट का मॉक टेस्ट आयोजित कराते हैं और साल 2014 से रेलवे और एसएसबी उम्मीदवारों को कोचिंग दे रहे हैं।
मूल रूप से बीरपुर, सुपौल के रहने वाले झा ने ओडिशा के एक कॉलेज से बी.टेक किया था। महाराष्ट्र में केवल 10 दिन नौकरी करने के बाद उन्होंने 2014 में कोचिंग की ओर रुख किया और पटना में सिर्फ चार छात्रों के साथ एक कोचिंग सेंटर की शुरुआत की थी।
मौजूदा वक्त में उनके कोचिंग सेंटर में लगभग 2,000 छात्र नामांकित हैं और उनके यूट्यूब चैनल पर लगभग 6.5 लाख सबस्क्राइबर्स हैं। वह अपने चैनल पर एक विषय पढ़ाने के लिए 99 रुपये चार्ज करते हैं। झा कहते हैं, "मेरा मकसद रेलवे परीक्षाओं के लिए इन मॉक टेस्ट का लोकतंत्रीकरण करना है।"
झा द्वारा आयोजित इन मुफ्त सत्रों में छात्रों का भारी हुजूम देखने को मिलता है। इनमें से कई उम्मीदवार वंचित पृष्ठभूमि से हैं जिनमें दिहाड़ी मजदूरों, किसानों और रिक्शा चालकों के बच्चे भी शामिल हैं। “लेकिन मैं उनकी पृष्ठभूमि नहीं पूछता। यह बेरोजगारी के खिलाफ जंग है। मेरा प्रयास छात्रों की तैयारी को गति देना है,” झा कहते हैं, जो प्रति सत्र 45,000 रुपये तक खर्च करते हैं।
झा के अनुसार, "चूंकि मेरा कोचिंग सेंटर केवल 1,200 छात्रों को समायोजित कर सकता है, इसलिए मुझे शनिवार और रविवार को सुबह काली घाट पर इन मॉक टेस्ट का आयोजन करना होता है।"
बता दें कि आरआरबी-एनटीपीसी और ग्रुप डी परीक्षा अब क्रमशः मई और जुलाई के लिए निर्धारित है। ये मॉक टेस्ट दो और महीने तक जारी रहेंगे।
Kids in Patna, Bihar studying for competitive exams on the banks of river Ganges. It's a picture of hope and dreams.
— Harsh Goenka (@hvgoenka) April 4, 2022
via @ParagonWorli18 pic.twitter.com/4yLn6mmWD9
जनवरी 2020 में रेलवे की भर्ती में बदलाव को लेकर छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद एस के झा, खान सर सहित तीन अन्य शिक्षकों के खिलाफ पुलिस ने विरोध को भड़काने और लोक सेवकों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के जुर्म में केस दर्ज किया था। हलांकि, बाद में पटना प्रशासन ने खान सर और झा को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था और केंद्र ने भर्ती पर लिए गए फैसले को वापस भी ले लिया था।
झा सर कहते हैं, "मैं उनकी स्थिति को समझ सकता हूं। मेरा विचार उनके लिए काम करने का है।"
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