Positive India: 3 साल के बेटे से दूर रह कर की UPSC की तैयारी, पहली ही एटेम्पट में हासिल की 90वीं रैंक - जानें डॉ अनुपमा सिंह की कहानी

Aug 5, 2020, 18:19 IST

UPSC सिविल सेवा 2019 के रिजल्ट आने के साथ कई ऐसी महिलाओं का नाम सामने आ रहा है जिन्होंने संघर्ष और त्याग के बेहतरीन प्रमाण दिए हैं। इन्हीं में से एक है पटना की Gynecologist डॉ. अनुपमा सिंह। अनुपमा ने यह परीक्षा अपने परिवार से दूर रह कर पहले ही एटेम्पट में पास की है। 

Positive India: 3 साल के बेटे से दूर रह कर की UPSC की तैयारी, पहली ही एटेम्पट में हासिल की 90वीं रैंक - जानें डॉ अनुपमा सिंह की कहानी
Positive India: 3 साल के बेटे से दूर रह कर की UPSC की तैयारी, पहली ही एटेम्पट में हासिल की 90वीं रैंक - जानें डॉ अनुपमा सिंह की कहानी

जहाँ अधिकांश महिलाएं शादी होने के बाद घर गृहस्थी और नौकरी के बीच संतुलन बनाने में व्यस्त हो जाती हैं पटना की डॉ.अनुपमा सिंह ने अपने तीन साल के बेटे से दूर रह कर UPSC के तैयारी करी और पहले ही एटेम्पट में सफलता भी हासिल की। अनुपमा ने UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में 90वीं रैंक हासिल की। 

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पटना की रहने वाली हैं अनुपमा 

पटना के कंकरभांग की रहने वाली अनुपमा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना से ही पूरी की है। उन्होंने 2002 में माउंट कार्मेल हाई स्कूल से अपनी कक्षा 10 पूरी की है। उन्होंने 2011 में पटना मेडिकल कॉलेज से MBBS किया और 2014 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ सर्जरी (MS) किया।

3 साल के बेटे से दूर दिल्ली रह कर की UPSC की तैयारी 

अनुपमा (32) ने 2013 में रवींद्र कुमार के साथ शादी की जो पेशे से डॉक्टर भी हैं। अपनी तैयारी के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मेरा बेटा अनय 3 साल का था जब मैंने तैयारी के लिए दिल्ली जाने का फैसला किया। अपने बेटे से दूर रहने का फैसला ही इस सफर का सबसे कठिन पड़ाव था।” अनुपमा के दिल्ली आ जाने के  बाद उनके पति ने ही उनके बेटे की देखभाल की। वह  सफलता का श्रेय अपने परिवार के सपोर्ट को ही देती हैं। 

पहले ही एटेम्पट में की UPSC सिविल सेवा परीक्षा क्लियर 

 

2018 में दिल्ली जाने के बाद, अनुपमा ने एक निजी कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया। उस समय को याद करते हुए अनुपमा बताती हैं “जब मैं करोल बाग में अकेली रह रही थी मैंने अपना सारा समय पढ़ाई के लिए समर्पित किया। कोचिंग के बाद, मैं किताबें, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ पढ़ती थी और नोट्स तैयार करती थी। मैं अपने बेटे के साथ वीडियो कॉल पर बातचीत करती थी। मैंने उनके बचपन और उनकी पहली गतिविधियों के एक चरण को मिस किया। लेकिन मैं आधी तैयारी छोड़कर लौटने के बारे में सोचने के बजाय यह सोचती थी कि मुझे घर वापस आने के लिए जल्द ही लक्ष्य हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शायद यही कारण था कि मैंने पहले प्रयास में परीक्षा पास कर ली। "

सरकारी मेडिकल प्रणाली में सुधार लाने के लिए किया सिविल सेवा में आने का फैसला

सिविल सेवाओं के प्रति उनके झुकाव के बारे में बात करते हुए अनुपमा कहती हैं “दो साल तक झलकारी अस्पताल में अभ्यास करने के बाद, मैंने महसूस किया कि स्वास्थ्य प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता है। एक डॉक्टर के रूप में, मैं मरीजों का इलाज कर रही थी लेकिन खराब चिकित्सा प्रणाली को सुधारना मेरे हाथ में नहीं था। मैं सरकारी चिकित्सा सुविधाओं को जनता के लिए बेहतर और मजबूत बनाना चाहती थी  और इस सोच ने मुझे सिविल सेवाओं में आने के लिए प्रेरित किया। ”

Sakshi Saroha is an academic content writer 3+ years of experience in the writing and editing industry. She is skilled in affiliate writing, copywriting, writing for blogs, website content, technical content and PR writing. She posesses trong media and communication professional graduated from University of Delhi.
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