भारत के उपराष्ट्रपति ने की जागरण जोश के रैंक वन एजुकेशन फोरम की सराहना

Mar 29, 2019, 11:30 IST

भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जागरण प्रकाशन लिमिटेड की डिजिटल विंग – जागरण न्यू मीडिया द्वारा आयोजित रैंक वन एजुकेशन फोरम की शोभा बढ़ाई. उन्होंने एक महत्वपूर्ण और प्रभावी स्पीच में भारत के शिक्षा जगत के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों के बारे में सटीक जानकारी भी दी.    

Vice President of India addresses JagranJosh.com's Rank One Education Forum
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भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जागरण प्रकाशन लिमिटेड की डिजिटल विंग – जागरण न्यू मीडिया द्वारा आयोजित रैंक वन एजुकेशन फोरम की शोभा बढ़ाई. उन्होंने एक महत्वपूर्ण और प्रभावी स्पीच में भारत के शिक्षा जगत के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों के बारे में सटीक जानकारी भी दी. इस समारोह में जागरण न्यू मीडिया के सीईओ श्री भरत गुप्ता और जागरण न्यू मीडिया के एडिटर इन-चीफ श्री राजेश उपाध्याय भी उपस्थित हुए. जागरण जोश ने भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आने वाले नए अवसरों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एजुकेशन फोरम का आयोजन किया था. देश के टॉप एमबीए और इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट्स की रैंकिंग के लिए इस अवसर पर रैंक वन इंस्टीट्यूट रैंकिंग 2019 भी रिलीज़ की गई.  

रैंक वन इंस्टीट्यूट रैंकिंग 2019 की सराहना

इस अवसर पर, श्री नायडू ने जागरण प्रकाशन लिमिटेड के प्रयासों की सराहना की जिनका लक्ष्य रैंक वन इंस्टीट्यूट रैंकिंग 2019 जैसे विभिन्न इनिशिएटिव्स या पहलों के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि रैंक वन इनिशिएटिव छात्रों, विशेष रूप से हाल ही में बोर्ड एग्जाम्स देने वाले छात्रों की सहायता करेगा ताकि वे छात्र उपयुक्त शिक्षण संस्थान चुनते समय पूरी जानकारी के साथ अपने करियर विकल्प चुन सकें. श्री नायडू ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने काम को एक सामाजिक मिशन के रूप में और राष्ट्र निर्माण के कार्य के हिस्से के तौर पर समझना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि, छात्रों को बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध करवाना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है और शिक्षाविदों को इसे अपने जीवन का मिशन बना लेना चाहिए. 

‘विश्व गुरु’ के तौर पर भारत

श्री नायडू ने कहा कि राष्ट्र के सम्पूर्ण विकास के लिए शिक्षा काफी महत्वपूर्ण साधन है. इतिहास में  भारत को ‘विश्व गुरु’ माना जाता था. उन्होंने शिक्षा संस्थानों से यह अपील की कि भारत को विश्व स्तर पर विश्व गुरु का दर्जा फिर से दिलवाने में वे अपना पूरा योगदान दें. उन्होंने आगे कहा कि, ऐसा करने के लिए सभी शिक्षा संस्थानों को छात्रों की उम्मीदों को समझना होगा और ऐसी नीतियां तैयार करनी होंगी जिनसे छात्रों की उम्मीदें पूरी की जा सकें. इस समारोह में श्री नायडू ने यह भी कहा कि, शिक्षा संस्थानों को छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, समाज और देश के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझने में भी सहायता करनी चाहिए.

शिक्षा का हो व्यापक दायरा

श्री नायडू ने यह भी कहा कि, विश्व के विभिन्न शिक्षा केंद्रों के समतुल्य बनने के लिए भारत को शिक्षा का दायरा व्यापक बनाना होगा. उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से शिक्षा को रोज़गार का साधन समझा जाता है. रोज़गार शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है लेकिन शिक्षा को छात्रों की काबिलियत भी बढ़ानी चाहिए. केवल ऐसी एप्रोच के माध्यम से ही भारत फायदेमंद रोज़गार उपलब्ध कराने में सक्षम बन सकेगा जिससे राष्ट्रीय स्तर पर विकास होगा.

भारत के पास है अपार जनशक्ति

श्री नायडू ने इस समारोह में यह भी कहा कि भारत अपनी अपार जनशक्ति के कारण अन्य सभी देशों से आगे है. भारत का भविष्य उन युवा लोगों के सपनों और विचारों में आकार ले रहा है जो भारत को बदल रहे हैं. लेकिन, इस अपार जनशक्ति से फायदा प्राप्त करने के लिए, यंगस्टर्स को ऐसे विशेष स्किल्स सीखने होंगे जो उन्हें नए और उभरते हुए क्षेत्रों में रोज़गार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करें. भारत के शिक्षा क्षेत्र, विशेष रूप से टेक्नोलॉजिकल फील्ड में, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी नई और उभरती हुई टेक्नोलॉजीज पर ध्यान देना होगा. स्किल-बेस्ड लर्निंग का लक्ष्य हासिल करने के लिए शिक्षण संस्थानों को थ्योरीटिकल और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के बीच अच्छा संतुलन बनाना और कायम रखना चाहिए. 

इंस्टीट्यूट रैंकिंग है क्वालिटी एजुकेशन का प्रमाण

इस समारोह में श्री नायडू ने कहा कि भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए एनआईआरएफ और रैंक वन जैसी रैंकिंग्स सही दिशा में उठाये गए कदम हैं. शिक्षा संस्थानों को ‘श्रेष्ठता के केंद्र’ बनने के लिए लगातार कोशिश करनी चाहिए. इन शिक्षण संस्थानों को विश्व के प्रमुख शिक्षण संस्थानों द्वारा अपनाई जा रही बेहतरीन प्रैक्टिसेज को सीखकर भारत के संदर्भ के अनुसार उन प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल करना चाहिए. इंस्टीट्यूट रैंकिंग्स हमें 4th इंडस्ट्रियल रेवोलुशन के लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करती हैं जिससे अंततः हमें एक ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरने में सहायता मिलेगी.

जागरण जोश ने भारत के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों पर चर्चा करने के लिए एजुकेशन फोरम का आयोजन किया था. इस फोरम में विचार-विमर्श और पैनल चर्चाएं हुईं जिनमें सुप्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भारत की शिक्षा प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और उन चुनौतियों से निपटने के लिए उपयोगी समाधान भी पेश किये.  

जागरण जोश के एजुकेशन फोरम के बारे में अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए www.jagranjosh.com/news पर विजिट करें.

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