हिंदी क्षेत्र में बढ़ते करियर ऑप्शंस

Sep 13, 2018, 18:13 IST

हिंदी क्षेत्र के बाजार की जरूरतों को देखते हुए देश और दुनिया की तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गांव, कस्बों और छोटे शहरों की तरफ रुख करने से अंग्रेजी के साथ – साथ अच्छी हिंदी जानने वालों की मांग बढ़ गई है। हिंदी क्षेत्र में बढ़ते करियर संभावनाओं पर एक नजर.

World Hindi Day: Increasing Career Options in Hindi Language
World Hindi Day: Increasing Career Options in Hindi Language

हिंदी क्षेत्र के बाजार की जरूरतों को देखते हुए देश और दुनिया की तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गांव, कस्बों और छोटे शहरों की तरफ रुख करने से अंग्रेजी के साथ-साथ अच्छी हिंदी जानने वालों की मांग बढ़ गई है। अपने ग्राहकों को हिंदी में सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कंपनियों को इनकी जरूरत महसूस हो रही है, ताकि उन्हें हिंदी में कंटेंट से लेकर विज्ञापन और ब्रॉशर उपलब्ध करा सकें। इसके लिए ये कंपनियां आकर्षक पैकेज के साथ इन युवाओं को अपने यहां नौकरी पर रख रही हैं। हिंदी में बढ़ती इन्हीं संभावनाओं पर एक नजर...

देहरादून के अभिषेक पांडे ने तीन साल एक मशहूर पोर्टल में कार्य किया। साथ में पत्र-पत्रिकाओं में तकनीकी विषयों पर भी लिखा करते थे। यह देखकर कॉलेज में उनके सहपाठी रहे विजय ने एक दिन उनसे कहा कि क्यों नहीं वे किसी प्रौद्योगिकी कंपनी में हाथ आजमाते? इस तरह 5 साल पहले वे बेंगलुरु चले गए और माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी ज्वाइन कर ली, जहां आज वे लोकलाइजेशन हेड हैं और हिंदी में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न सॉफ्टवेयर्स और फीचर्स के निर्माण में अपनी सेवाएं देते हैं। वह बताते हैं कि जब उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखा था, तब से अब में बहुत फर्क आ गया है। जितना अच्छा काम आज हिंदी में हो रहा है किसी दूसरी भाषा में नहीं हो रहा। जाहिर है हिंदी का बाजार तेजी से बड़ा होता जा रहा है। हिंदी विश्व में चीनी भाषा के बाद सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत और विदेश में करीब 50 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं तथा इस भाषा को समझने वाले लोगों की कुल संख्या भी करीब 90 करोड़ है। ऐसे में अमेजन, वॉलमार्ट जैसी कंपनियां जो हमारे देश में अपने पांव तेजी से पसारना चाहती हैं, वे इसे समझ भी रही हैं, जहां आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर हिंदी भाषा के अच्छे जानकार लोगों की जरूरत होगी।

प्रमुख संस्थान

  • दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली www.du.ac.in
  • जेएनयू, नई दिल्ली www.jnu.ac.in
  • लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ www.lkouniu.ac.in
  • कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर www.kanpuruniversity.org
  • भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली www.bvbdelhi.org
  • इंडिया गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली www.ignou.ac.in
  • जामिया मिलिया इस्लामिया, जामिया नगर, नई दिल्ली www.jmi.nic.in

हिंदी में बढ़ता कारोबार

देश में ऑनलाइन कारोबार कर रही कंपनियां ग्रामीण या दूरदराज क्षेत्रों के ग्राहकों तक पहुंच बनाने के लिए अब अपनी सेवाएं हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं में मुहैया कराने पर जोर दे रही हैं। कंपनियों के इस रुख के पीछे एक वजह यह भी है कि इंटरनेट तक सभी की पहुंच हो जाने से देश में अंग्रेजी की तुलना में हिंदी सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के डिजिटल कंटेंट में लोग अधिक दिलचस्पी लेने लगे हैं। आइएएमएआइ एवं आइएमआरबी इंटरनेशनल के ताजा अध्ययन के अनुसार, सेवाओं एवं प्रस्तुतियों के क्षेत्र में अगर देसी भाषा की वेबसाइट या एप मुहैया हो, तो क्षेत्रीय भाषा जानने वाले ग्राहक ऑनलाइन व्यवसाय में नई तेजी लाने में मददगार साबित होंगे।

यह भी अनुमान है कि 2021 तक देश में हिंदीभाषी इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या अंग्रेजी वालों से अधिक हो जाएगी। इसी बात को समझते हुए सर्च इंजन गूगल भी वर्तमान में इंटरनेट पर हिंदी में कंटेंट उपलब्ध कराने पर काफी जोर दे रहा है। एक आंकड़े की मानें, तो देश में वर्तमान में इंटरनेट पर हिंदी भाषा वाले कंटेंट को ब्राउज करने वालों की संख्या करीब 39 फीसदी हो चुकी है। इससे पता चलता है कि हिंदी जानने वालों के लिए संभावनाएं किस तरह बढ़ रही हैं।

कंपनियों ने बढ़ाए अवसर

भारतीय बाजार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए हाल में ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन इंडिया ने हिंदी में नई मोबाइल सेवा शुरू की है, जिससे ग्राहक इसके मोबाइल एप और वेबसाइट पर प्रोडक्ट की जानकारी, डील, डिस्काउंट, ऑर्डर के भुगतान, अकाउंट व्यवस्थित करने, ऑर्डर ट्रैक करने और ऑर्डर हिस्ट्री संबंधी सभी जानकारियां हिंदी में पढ़ सकेंगे। ई-कॉमर्स कंपनियों के अलावा, रिटेल, फिनटेक, बैंकिंग एवं इंटरनेट पर व्यवसाय करने वाले अन्य उद्योग भी अपने पोर्टल में क्षेत्रीय भाषा का समावेश कर रहे हैं। इसलिए पहले की तुलना में इन कंपनियों में हिंदी में कुशल कॉपी राइटर, कंटेंट राइटर, वेब राइटर जैसे पेशेवर लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

ऑनलाइन में हैं बड़े अवसर

भारतीय भाषाओं में ऑनलाइन कंटेंट अंग्रेजी के मुकाबले सिर्फ एक प्रतिशत है। लेकिन गूगल समेत कई अन्य सर्वेक्षणों से एक बात प्रमुखता से उभर कर आई है कि इंटरनेट यूजर्स की अगली जमात ग्रामीण भारत से होगी। इससे अंग्रेजी में कंटेंट उपलब्ध कराने वाली इंटरनेट कंपनियों को भी हिंदी एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में काम करने के बारे में तेजी से सोचना पड़ेगा।

राजन आनंदन, एमडी, गूगल इंडिया

तकनीक संग कदमताल

शीर्ष कंटेंट आधारित प्लेटफॉर्म ‘मॉम्सप्रेसो’ को महीने में कुल छह हजार ब्लॉग्स में से 1000 हिंदी के ब्लॉग्स प्राप्त होते हैं। इनमें से लखनऊ, पटना, इंदौर, चंडीगढ़ आदि शहरों से सबसे ज्यादा सामग्री आती है। कंपनी ने डेटॉल, डॅव, नेस्ले जैसे ग्लोबल ब्रांड्स के साथ पार्टनरशिप की है, ताकि क्षेत्रीय कंटेंट के जरिये ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके। इसी तरह, देश की सबसे बड़ी पॉडकास्ट डायरेक्टरी एवं कंटेंट एग्रीगेटर ‘हबहॉपर’ भी हिंदी समेत पांच भाषाओं में पैसिव कंटेंट (स्वास्थ्य, शिक्षा, इतिहास, कारोबार, स्पोट्र्स टेक्नोलॉजी) उपलब्ध कराती है। पॉडकास्ट पर प्रेमचंद, पंचतंत्र, महाभारत की कहानियां सुनने को मिलती हैं। इन सबके अलावा, लिपिकर, प्रतिलिपि, शब्दनगरी जैसे कंटेंट आधारित स्टार्टअप्स, ई-कॉमर्स कंपनियां हिंदी क्षेत्रीय भाषाओं में कारोबार को प्राथमिकता दे रही हैं।

हिंदी सॉफ्टवेयर ‘लिपिकर’ का बोलबाला

लिपिकर की संस्थापक नेहा गुप्ता के पिता एलईडी आधारित प्रोग्रामेबल स्क्रॉल डिस्प्ले सिस्टम का निर्माण करते थे और चाहते थे कि देश के सुदूर इलाकों में स्थित बैंकों में यह सुविधा पहुंच सके। इसमें डिस्प्ले अंग्रेजी में होकर हिंदी या स्थानीय भाषा में हो। इसके बाद ही इन्हें ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने का आइडिया आया, जिसमें कोई भी व्यक्ति आसानी से अपनी भाषा में काम कर सके। इसके जरिये साधारण की-बोर्ड (क्यूडब्ल्यूईआरटीवाई) से हिंदी, मराठी, बांग्ला समेत 18 भाषाओं में बड़ी सहजता से लिखा जा सकता है। आज कई वकील, लेखक, लिखने के शौकीन बुजुर्ग, पत्रकार, छोटे उद्यमी, शिक्षक, एडवर्टाइजर्स लिपिकर सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर रहे हैं। इन्होंने आठ भाषाओं में वॉयस टेक्स्ट टाइपिंग की सुविधा भी शुरू की है, जिसकी मांग दिनों-दिन बढ़ रही है।

हिंदी की सोशल साइट ‘शब्दनगरी’

जर्मनी, रूस, चीन हर जगह स्थानीय भाषा में प्रोग्रामिंग को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि भारत में हिंदी भाषियों की अधिक संख्या होने के बावजूद प्रोग्रामिंग पर उतना ध्यान नहीं दिया जा सका है। आइआइटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने वाले अमितेश मिश्र ने इसी कमी को लेकर अपने साथियों के साथ बात की। काफी शोध के बाद आखिरकार 2015 में नींव पड़ी ‘शब्दनगरी’ की। यह एक ऐसी सोशल साइट है, जहां हिंदी में अपनी कहानियां, कविताएं, कमेंट इत्यादि डाल सकते हैं।

वेटुऑनलाइन पर क्षेत्रीय भाषा में खबरें

दुनिया की सबसे बड़ी पर्सनल मैसेजिंग साइट वेटुऑनलाइन (पहले वेटुएसएमएस) के निर्माता एवं संस्थापक राजू वनापला अपने एप के जरिये हिंदी एवं अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में खबरें उपलब्ध करा रहे हैं। राजू के अनुसार, अंग्रेजी की तुलना में क्षेत्रीय एवं हिंदी भाषा के कंटेंट को 40 प्रतिशत अधिक ऑडिएंस मिलते हैं। अंग्रेजी भाषा के लगभग 15 करोड़ पाठकों की अपेक्षा हिंदी के पाठकों की संख्या 18-19 करोड़ के आसपास है। इस तरह आने वाले वर्षों में अंग्रेजी की बादशाहत को हिंदी कड़ी टक्कर देगी।

यहां हैं संभावनाएं

अन्य विषयों के समान ही हिंदी में डिग्री हासिल करने वालों के लिए आज सरकारी और गैर-सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं:

हिंदी अधिकारी/अनुवादक: सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा से जुड़े अनेक पद होते हैं, जैसे-हिंदी अधिकारी, राजभाषा अधिकारी, अनुवादक, स्टेनोग्राफर, टाइपिस्ट आदि। हिंदी अधिकारी के लिए स्नातक में अंग्रेजी के साथ हिंदी में एमए होना आवश्यक होता है, जबकि अन्य पदों के लिए बीए की डिग्री पर्याप्त है।

प्रिंट मीडिया: पत्रकारिता यानी न्यूजपेपर, मैगजीन के क्षेत्र में जो युवा आना चाहते हैं, वे यहां अपनी योग्यता और अनुभव के आधार पर उप संपादक, रिपोर्टर, खेल रिपोर्टर, कारोबार रिपोर्टर, फीचर रिपोर्टर-लेखक आदि पदों पर नौकरी पा सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक/न्यू मीडिया: टीवी, रेडियो के क्षेत्र में भी एंकरिंग, रिपोर्टिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग और न्यूज एडिटिंग के लिए कुशल लोगों की जरूरत होती है। आजकल सभी न्यूज चैनल्स और न्यूजपेपर्स के अपने-अपने हिंदी न्यूज पोर्टल्स हैं। यहां भी प्रभावी सरल भाषा में खबर लिखने वाले रिपोर्टर्स और डेस्क पर काम करने वाले लोगों की जरूरत होती है।

विज्ञापन: न्यूजपेपर्स और न्यूज चैनल्स के लिए ऐड बनाने वाली विभिन्न विज्ञापन एजेंसियों में विज्ञापन लेखक, स्लोगन लेखक के रूप में हिंदी के जानकारों की जरूरत होती है।

अध्यापन: हिंदी/हिंदी ऑनर्स में स्नातक या हिंदी में एमए, एमफिल-पीएचडी करके स्कूल-कॉलेज में अध्यापन कर सकते हैं।  

कोर्स एवं योग्यता

हिंदी की पढ़ाई देश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में हो रही है। आप इस विषय में बीए, एमए,पीएचडी जैसे फुलटाइम और शॉर्ट टर्म दोनों तरह की पढ़ाई कर सकते हैं। इग्नू, जामिया मिलिया, भारतीय विद्या भवन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन आदि संस्थानों से मास-कम्युनिकेशन, ट्रांसलेशन, क्रिएटिव राइटिंग जैसे किसी खास क्षेत्र में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।

Dainik Jagran
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Gaurav Kumar is an education industry professional with 10+ years of experience in teaching, aptitude training and test prep. He’s a graduate in Computer Science, postgraduate in Yoga Therapy and has previously worked with organizations like Galgotia College of Engineering and The Manya Group. At jagranjosh.com, he writes and manages content development for School and General Knowledge sections. He can be reached at gaurav.kumar@jagrannewmedia.com

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