नब्बे के दशक के प्रारंभ में शुरु हुए उदारीकरण के युग के बाद भारत वैश्विक घटनाओं से निरापद नहीं रह गया है. भारत अब सामाजिक-आर्थिक विकास का अपना उद्देश्य हासिल करने के लिए वैश्विक व्यवस्था का अनुसरण कर रहा है. भारतीय विदेश नीति का आधारभूत और अंतर्निहित उद्देश्य रणनीतिक निर्णय लेने की अपनी स्वतंत्रता से समझौता किए बिना इस राष्ट्र के लोगों का समग्र विकास प्राप्त करना है.
वैश्विक व्यवस्था के साथ अपनी संबद्धता के बाद भारत अब विश्वभर में हिने वाली घटनाओं से असंपृक्त नहीं रहा. हमारी संस्कृति विकसित होती वैश्विक संस्कृति से अप्रभावित नहीं रही. सामाजिक-सांस्कृतिक अंत:क्रियाएँ लगातार बढ़ रही हैं और संस्कृति का सम्मिश्रण घटित हो रहा है.
भारत अब विश्व की आर्थिक व्यवस्था का अनुसरण कर रहा है और आर्थिक मंदी तथा घाटे से प्रभावित हो रहा है. इसका समग्र प्रभाव हमारी विदेश नीति और आर्थिक नीतियों पर देखा जा सकता है.
आईएएस मुख्य परीक्षा के लिए कुछ मॉडल प्रश्न निम्नानुसार हैं :
- हिंद महासागर में भारत के रणनीतिक हित की चर्चा करें.
- विकसित होती वैश्विक व्यवस्था में नेतृत्व की भूमिका प्राप्त करने के लिए भारत की रणनीति और तैयारी की चर्चा करें.
- 23 वां आसियान शिखर सम्मेलन (2013) का आयोजन कहां किया गया? भारतीय सन्दर्भ में इस सम्मलेन की भूमिका की विवेचना कीजिए.
- मीनामता सम्मेलन कहां आयोजित किया गया? वर्णन कीजिए.
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