उभरता हुआ प्रोफेशन है जीआईएस
जीआईएस के विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में जानकारी दें।
अशोक कुमार आर्य, अल्मोडा
जीआईएस या जिअॅग्रफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम या ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) एक तेजी से उभरता हुआ प्रोफेशन है। इसकी उपयोगिता प्राकृतिक संसाधनों की खोजबीन से लेकर आपदा प्रबंधन तक के कार्यो में है। इसके अलावा, वाहन चालकों की सुविधा के लिए जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल वाहनों में किया जा रहा है। केवल यही नहीं, वाहनों की टै्रकिंग एवं अपराधकर्मियों की धक-पकड में भी पुलिस विभाग द्वारा इस सिस्टम का इस्तेमाल बढ रहा है। प्रमुख संस्थानों में बेंगलूर यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु), जेएनटी यूनिवर्सिटी (हैदराबाद) इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है।
ग्रेजुएशन करना जरूरी
बारहवीं (साइंस) का छात्र हूं। इसके बाद किस प्रकार की नौकरी मिल सकती है?
वीरेन्द्र सिंह कटारिया, भिवानी
महज बारहवीं के बाद आप किसी अच्छी नौकरी या बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। क्योंकि निजी क्षेत्र में छोटी-मोटी नौकरियों के अलावा, इसमें ज्यादा कुछ हासिल नहीं हो सकेगा। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप कम से कम ग्रेजुएशन अवश्य कम्प्लीट करें। इसके बाद रोजगार के बारे में सोचें। संभव हो, तो आप रोजगार के साथ कॉरेस्पॉन्डेंस के जरिए अपनी पढाई जारी रखने के बारे में भी सोच सकते हैं।
प्राथमिकता जीव-विज्ञान के स्टूडेंट्स को
ऑडियोलॉजी ऐंड स्पीच थेरेपी किस प्रकार का प्रोफेशन है और इस क्षेत्र में क्या स्कोप है?
नीरज भसीन, अलीगढ
पैरामेडिकल विषयों पर आधारित करियर विकल्पों में ऑडियोलॉजी ऐंड स्पीच थेरेपी का काफी महत्व है। दरअसल, ऑडियोलॉजिस्ट का कार्य ऐसे लोगों की मदद करना है, जो किसी कारणवश अपनी श्रव्य-शक्ति (सुनने की क्षमता) खो बैठते हैं अथवा बहुत कम सुनते हैं। दूसरी ओर, स्पीचथेरेपिस्ट का काम उन लोगों के उपचार से संबंधित है, जो बोलने, उच्चारण करने अथवा इसी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसीलिए इस प्रकार के पाठ्यक्रम में जीव-विज्ञान पृष्ठभूमि के युवाओं को खास प्राथमिकता दी जाती है। जहां तक आजीविका अर्जन की बात है, तो सरकारी अस्पतालों से लेकर प्राइवेट अस्पतालों तक में इसकी नियुक्तियां की जाती हैं। इसके अलावा, तमाम एनजीओ भी इन लोगों की सेवाएं अपने विभिन्न सामाजिक कार्यकलापों में लेते हैं। कोर्स की बात करें तो 10+2 के बाद बीएससी (ऑडियोलॉजी ऐंड स्पीचथेरेपी), बीएससी (हियरिंग, लैंग्वेज ऐंड थेरेपी) और बीएससी (स्पीच ऐंड हियरिंग) सरीखे कोर्स देश भर के विभिन्न संस्थानों से संचालित किए जाते हैं। इन कोर्सो में दाखिला चयन परीक्षा के आधार पर दिए जाने का प्रावधान है।
प्रमुख संस्थान : इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोथेरेपी ऐंड कम्युनिकेशन डिस्ऑर्डर (पटना), इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच हियरिंग (बेंगलुरु), ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हियरिंग (मैसूर), क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (वेल्लोर), ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (दिल्ली), पीजीआई ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च (चंडीगढ), जेएम इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीचथेरेपी (पटना), डॉ. एमवी शेट्टी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हियरिंग (मेंगलूर), मेडिकल ट्रस्ट हॉस्पिटल (कोच्चि) इत्यादि।
क्रेज है सीएस का
कंपनी सेक्रेटरी के रूप में करियर कितना महत्वपूर्ण हो सकता है? कृपया ट्रेनिंग देने वाले संस्थानों के बारे में आवश्यक जानकारी दें।
रत्नेश झा, दरभंगा
कंपनी सेक्रेटरी का पद न सिर्फ हाई प्रोफाइल होता है, बल्कि पैसे और शोहरत की दृष्टि से भी कम महत्वपूर्ण नहीं कहा जा सकता है। मैनेजिंग डायरेक्टर के बाद एक प्रकार से कंपनी सेक्रेटरी का ही स्थान होता है। देश में कंपनी सेक्रेटरी से संबंधित ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया द्वारा ही संचालित किया जाता है। इस संस्थान से कोर्स संपन्न करने के बाद प्रैक्टिसिंग कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए पंजीकरण भी इसी संस्थान में कराना पडता है। इसके बाद ही वे किसी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी के रूप में जॉब कर सकते हैं अथवा स्वतंत्र प्रैक्टिस के बारे में सोच सकते हैं। इसके फाउंडेशन कोर्स में 10+2 के बाद दाखिला लिया जा सकता है, जिसकी अवधि आठ माह तक हो सकती है। इसके बाद इंटरमीडिएट और फाइनल कोर्स के विभिन्न पेपर में पास करने की बाध्यता होती है। यह समस्त कोर्स अधिकतम पांच वर्ष की अवधि में समाप्त करने की बाध्यता होती है। संस्थान की शाखाएं देश के विभिन्न शहरों में हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए संस्थान के मुख्यालय द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया, 22,इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोधी रोड, नई दिल्ली-31 वेबसाइट : www.icsiindia.edu से संपर्क कर सकते हैं।
अमन सिंह
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