विकास भागीदारी की भावना का
नो स्मोकिंग अभियान डीयू प्रशासन, दिल्ली पुलिस एवं स्टूडेंट्स के सहयोग से चलाया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि ऐसा करने से स्टूडेंट्स के बीच भागीदारी जैसी भावना का विकास संभव हो सकेगा। साथ ही, कैंपस में नो स्मोकिंग कैंपेन को स्टूडेंट्स सदा-सदा के लिए बॉय-बॉय कहने में कामयाब हो सकेगा।
अमित कुमार
एमए,आर्ट्स फैकल्टी
सफलता की ओर बढता कदम
यह अभियान सफलता की ओर तेजी से कदम बढा रहा है। पहले काफी लोग कैंपस के अंदर सिगरेट पीते नजर आते थे, किंतु अब इनकी संख्या में कमी आई है। आखिर हर स्टूडेंट को यह समझना चाहिए कि यह अभियान तभी सफल हो सकता है, जब सबका सहयोग मिले। इस मामले में प्रशासन को और सख्त होने की जरूरत है।
कालिका प्रताप सिंह
बीए, हिन्दू कॉलेज
सफलता में संदेह
मुझे तो इसकी सफलता में संदेह है क्योंकि कई बार हमने शिक्षकों और ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालों को ही स्मोकिंग करते देखा है। जब ये ही ऐसा उदाहरण पेश करेंगे, तो कैंपस में इस अभियान को कैसे सफलता मिलेगी! इसकी सफलता के लिए जरूरी है कि पुलिस और प्रशासन स्टूडेंट्स के लिए एक उदाहरण पेश करे।
दीपमाला
बीए, सत्यवती कॉलेज
डीयू मिसाल बन सकता है
नो स्मोकिंग अभियान न सिर्फ डीयू नॉर्थ कैंपस को स्मोक फ्री जोन बनाने के लिए आगे ही आगे की ओर लगातार कदम बढा रहा है, बल्कि अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी यह मिसाल कायम कर रहा है। यदि इस अभियान को सफलता मिलती है, तो यह देश और समाज दोनों के लिए भला होगा।
मीना
बीए, लक्ष्मीबाई कॉलेज
सराहनीय पहल है यह अभियान
इस तरह के अभियान की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। क्योंकि इस अभियान से स्टूडेंट्स की मानसिकता में धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा है। पहले जहां सभी जगह स्टूडेंट्स सिगरेट पीते हुए मिल जाते थे, अब नहीं मिलते हैं। स्वस्थ कैंपस के लिए इस तरह के अभियान बहुत जरूरी है। जहां तक इसके सफल होने की बात है, तो यह अवश्य सफल होगा।
सुमित खोखर
बीए, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज
प्रस्तुति : राकेश कुमार
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