साइंस का सरताज

Mar 4, 2009, 03:55 IST

एमआईटी बेस्ट है, तभी यहां के एलुमनिज में न केवल साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के विशेषज्ञ, बल्कि उद्योग-जगत के महारथी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय उद्योगपति आदित्य बिरला ने भी यहीं से पढ़ाई की है। क्या है इस विश्व-प्रसिद्ध शिक्षण-संस्थान की कुछ खास-खास बातें? एक संक्षिप्त विवरण ..

इसमें कोई दो राय नहीं कि मानव सभ्यता के निर्माण में साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी का एक महत्वपूर्ण योगदान है और इसीलिए विकसित समाज में वैज्ञानिकों, विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था जिस समाज में जितनी सुदृढ होगी, वह समाज उतना ही अधिक विकसित और सुव्यवस्थित होगा। इसलिए जब बात साइंस-तकनीकी शिक्षा के विकास में विश्व की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी की चल रही हो, तो नि:संदेह एमआईटी यानी मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का नाम ही लिया जाता है। टाइम्स हायर, यूके ने भी एमआईटी को साइंस टेक्नोलॉजी-शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ शिक्षण-संस्थान का दर्जा दिया है। हालांकि इस यूनिवर्सिटी के साथ, जिन अन्य यूनिवर्सिटीज के नाम शामिल किए गए हैं, उनकी प्रसिद्धि भी कुछ कम नहीं है। मसलन, यूसी यानी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले, स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, इम्पेरियल कॉलेज, लंदन आदि।

कब हुई स्थापना?

अमेरिका के मैसेचुसेट्स में स्थित एमआईटी एक प्राइवेट रिसर्च यूनिवर्सिटी है। इस विख्यात शिक्षण-संस्थान की स्थापना का मुख्य श्रेय जाता है, औद्योगिक क्रांति को। हालांकि एमआईटी की नींव रखने वाले शख्स थे विलियम बॉर्टन रोजर्स, जिन्होंने वर्ष 1861 में विज्ञान और तकनीक के विकास के लिए समर्पित इस शिक्षण-संस्थान का तोहफा दुनिया को दिया था।

क्या है खास?

स्थापना के शुरुआती वर्षो से ही एमआईटी ने जर्मन यूनिवर्सिटी के मॉडल को अपनाया है। दरअसल, यहां स्टूडेंट्स और फैकल्टी लैब में स्वतंत्र रूप से रिसर्च कर सकते हैं। गौरतलब है कि ब्रिटेन या फ्रांस आदि देशों में छात्रों को इस तरह की सुविधा नहीं होती है। यहां चूंकि आधुनिकतम रिसर्च उपकरण भी मौजूद हैं, इसलिए वे रिसर्च कार्यो को बिना किसी रोक-टोक के आसानी से अंजाम दे देते हैं। इससे जहां एक ओर छात्रों में खुद कुछ करने की ललक पैदा होती है, वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी को भी उन्हीं छात्रों में से परिष्कृत छात्र भी मिल जाते हैं। दरअसल, यही कारण है कि एमआईटी ने सदी का महान आविष्कार कहे जाने वाले कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। कम्प्यूटर लैंग्वेजेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और व‌र्ल्ड वाइड वेब, पब्लिक की क्रिप्टोग्राफी आदि का विकास यहीं हुआ है। इसके अलावा, साइबरनेटिक्स, रोबोटिक्स आदि क्षेत्रों में भी एमआईटी का महत्वपूर्ण योगदान है। वैसे, यह एक ऐसा शिक्षण-संस्थान है, जिसका मिशन ही है वर्तमान सदी को विकास के पथ पर उत्तरोत्तर आगे ले जाना। यही कारण है कि यहां न केवल टेक्नोलॉजी, बल्कि साइंस के विविध क्षेत्रों से जुडे शोध व अध्ययन कार्यो पर भी बल दिया जाता है।

कोर्सेज और दाखिला

एमआईटी में न केवल साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी से संबंधित रेगुलर कोर्सेज, बल्कि प्रोफेशनल कोर्सेज भी उपलब्ध हैं। यहां शॉर्ट-टर्म कोर्सेज यानी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्सेज भी पढाए जाते हैं। गौरतलब है कि आवेदन ऑनलाइन होता है। हां, आवेदन के लिए जरूरी योग्यताएं और दस्तावेजों की मांग भी अलग-अलग स्कूलों या डिपार्टमेंट्स पर ही निर्भर करता है। आप जिस स्कूल या डिपार्टमेंट में एडमिशन लेना चाहते हैं, उसके बारे में जानकारी वेबसाइट के माध्यम से अवश्य प्राप्त करें।

क्यों है बेस्ट

एमआईटी के साथ 73 नोबेल अवॉर्ड विनर्स, 47 नेशनल साइंस मेडल विनर्स (यूएस) आदि के नाम जुडे हुए हैं।

अमेरिका की किसी भी यूनिवर्सिटी की अपेक्षा एमआईटी का रिसर्च-वर्क में आने वाला खर्चा ज्यादा होता है।

एमआईटी का अपना एक न्यूक्लियर रिएक्टर भी है।

एमआईटी के नाम इलेक्ट्रॉनिक्स, मैग्नेटिक कोर मेमोरी आदि के क्षेत्र में कई पेटेंट्स हैं।

जेनेटिक्स के क्षेत्र में एमआईटी का योगदान अद्वितीय है। दरअसल, ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट के मुख्य लीडर प्रोफेसर एरिक लेंडर भी एमआईटी के ही हैं।

एमआईटी में ही सिंथेटिक पेनिसिलीन और हंटीग्टन डिजीज आदि महत्वपूर्ण खोज किए गए हैं।

अमेरिका के एक तिहाई से ज्यादा मानव-चालित स्पेस-फ्लाइट्स के एस्ट्रोनॉट्स एमआईटी से ही शिक्षा-प्राप्त हैं।

साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी के अलावा, एमआईटी में आ‌र्ट्स, ह्यूमैनिटीज व बिजनेस स्टडीज की पढाई भी होती है। हालांकि यहां लॉ और मेडिसिन की पढाई से संबंधित स्कूल्स नहीं हैं।

एमआईटी : संक्षिप्त परिचय

स्थापना-1861 (वर्ष 1865 में सार्वजनिक तौर पर शिक्षण-कार्य शुरू)

टाइप-प्राइवेट

विस्तार-पांच स्कूल और एक कॉलेज के साथ-साथ 32 एकेडमिक डिपार्टमेंट्स।

चांसलर-फिलिप क्ले

प्रेसिडेंट-सुसान हॉकफिल्ड

वेबसाइट-www.mit.edu

प्रस्तुति : सीमा झा

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