Indigenous Diving Support Vessels: भारतीय नौसेना में आज पूर्ण रूप से स्वदेशी दो डाइविंग सपोर्ट वेसल 'निस्तार' और 'निपुण' को शामिल किया गया है. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार इस उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे. इसका शुभारंभ श्रीमती कला हरि कुमार ने किया जो नौसेना वेलनेस एंड वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष है. साथ ही वह पारंपरिक सम्मान समेत इन वेसल का नामकरण किया.
Two Diving Support Vessels (Nistar & Nipun) being built by Hindustan Shipyard Ltd, Visakhapatnam were launched on #22Sep 22 by Mrs Kala Hari Kumar. Adm R Hari Kumar, #CNS was the Chief Guest at the ceremony.#AatmaNirbharBharat@DefenceMinIndia@CMD_HSLhttps://t.co/nlwOFn71MP pic.twitter.com/qQIBAPNa34
— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 22, 2022
डाइविंग सपोर्ट वेसल्स के बारें में:
- निर्माण: इसका निर्माण स्वदेशी रूप से हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम द्वारा किया गया है. इन वेसल के प्रमुख उपकरणों के लिए अधिकांश आइटम स्वदेशी विक्रेताओं के माध्यम से और पूरे भारत में 120 से अधिक एमएसएमई विक्रेताओं से खरीदे गए हैं.
- आकार: इन जहाजों की लम्बाई 118.4 मीटर और सर्वाधिक चौड़ाई वाले स्थान पर, इनकी चौड़ाई 22.8 मीटर है.
- क्षमता: इन जहाजों की विस्थापन क्षमता लगभग 9,350 टन की है. साथ ही इस पर 215 कर्मियों के रहने की क्षमता है. यह लगातार 60 दिनों की अवधि के लिए समुद्र में निरंतर परिचालन कर सकता है.
- स्पीड: ये जहाज दो मुख्य इंजनों द्वारा संचालित होता है. जो अधिकतम 18 समुद्री मील की गति से सफर कर सकता है.
- उपयोग: इन जहाजों का उपयोग डीप सी (गहरे समुद्र) डाइविंग ऑपरेशन में किया जायेगा. इसके अतिरिक्त डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल की मदद से पनडुब्बी बचाव अभियान में भी मदद करेगा. साथ ही खोजबीन एवं बचाव अभियान के लिए इससे हेलीकॉप्टर का संचालन भी किया जा सकता है.
भारत के डीप ओशन मिशन में करेगा मदद:
ये वेसल भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित डीप ओशन मिशन में भी मदद करेगा. डीप ओशन मिशन भारत के ब्लू इकॉनमी’ पहल का समर्थन करता है जो गहरे समुद्र की वनस्पतियों, जैव-संसाधनों के सतत् उपयोग और जीवों के सर्वेक्षण से सम्बंधित है.
INS निस्तार को भी जानें:
INS निस्तार एक सबमरीन रेस्क्यू वेसल था, जिसे वर्ष 1971 में कमीशन किया गया था. जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान विशाखापत्तनम बंदरगाह के पास पाकिस्तानी नौसेना की पनडुब्बी, गाजी को डुबाने के ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लांच किया गया डाइविंग सपोर्ट वेसल 'निस्तार' इसी नाम से प्रेरित है.
हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड:
यह भारत की प्रमुख जहाज़ निर्माण कंपनी है, इसकी स्थापना वर्ष 1941 में ‘सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड’ नाम से की गयी थी. यह भारत के पूर्वी तटीय शहर विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में स्थित है. वर्ष 1952 में कंपनी पर दो तिहाई अधिकार भारत सरकार का हो गया और इसका नाम हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड कर दिया गया.
वर्ष 1961 में शिपिंग मंत्रालय के अधीन इसका पूर्ण राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और भारत सरकार के एक उपक्रम के रूप में घोषित कर दिया गया. वर्ष 2010 में इसे रक्षा मंत्रालय के अधीन कर दिया गया. वर्तमान में इसके सी एंड एमडी कमोडोर हेमंत खत्री है.
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