26/11 के मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, जकी– उर– रहमान लखवी पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी न्यायालय (एटीसी) द्वारा 18 दिसंबर 2014 को जमानत दिए जाने के बाद सुर्खियों में रहा. उसे दस लाख रुपयों (10000 डॉलर) की जमानत राशि पर जमानत दी गई थी.
लश्कर– ए– तयैबा (एलईटी) का मुख्य ऑपरेशन कमांडर लखवी 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के आरोपी सात लोगों में से एक था. इस आतंकी हमले में 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. भारत की आर्थिक राजधानी में आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना बनाने, वित्त मुहैया कराने और अंजाम देने वाले छह अन्य आरोपी हैं– अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और अंजुम.
लखवी को एक मात्र जिंदा बचे गनमैन द्वारा मास्टरमाइंड के तौर पर पहचाने जाने के बाद 2009 में उसे पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. उसे देश की राजधानी इस्लामाबाद के करीबी शहर रावलपिंडी में पाकिस्तान के सर्वोच्च सुरक्षित जेल अदीला में रखा गया था.
उस पर 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन बम धमाकों का भी आरोप है. इसमें 200 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 लोग घायल हो गए थे.
अदालत का यह फैसला पाकिस्तान में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले के दो दिन बाद आया है. यह हमला पेशावर के आर्मी द्वारा संचालित एक स्कूल में हुआ था जिसमें 132 छात्रों समेत कम–से–कम 141 बच्चों की जान चली गई.
अदालत के फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने फैसला की निंदा की है और पाकिस्तान से कहा है कि वह जकीर– उर– रहमान लखवी को जमानत दिए जाने के अपने फैसले को तुरंत बदले. भारत ने कहा कि लखवी को जमानत दिया जाना भारत को मंजूर नहीं और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
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