शोधकर्ता के रामकृष्ण रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के अक्कापल्ली में गुफाओं के एक ऐसे समूह की खोज की जिसमें प्राचीन मानव रहता था. इस प्राचीन स्थल को आंध्रप्रदेश के दो स्थलों-केत्तावरम एवं चिंताकुंता का समकालीन माना जाता है.
खोज के पुरातात्विक महत्व
पांच गुफाओं की इस खोज का पुरातात्विक महत्व इस लिए है क्योकि वहां पर पाई गई प्राचीन कलाकृतियां 7000 वर्ष के पहले की सभ्यता और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं. इन पांच गुफाओं में से तीन गुफाएं प्राकृतिक और दो चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं. इन गुफाओं को मुसाला गुंडा (कंकड़ के मगरमच्छ) कहा गया. इसके पहले भारत में चट्टानों पर मगरमच्छ के चित्रण मध्य प्रदेश के भानपुरा गांधी सागर क्षेत्र में पाया गया.
आंध्र प्रदेश के अन्य स्थल
• केत्तावरम: इस स्थल पर 100 से अधिक मानव और पशुओं के चित्र बेसाल्ट चट्टानों पर तैयार किए गए हैं, जो 6000 ईसा पूर्व से 200 ई. के मध्य हैं.
• चिंताकुंता: यह भारत की दूसरी बड़ी चट्टान कला का स्थल है. इसमें मानव, हाथी, हिरन, बैल लोमड़ी आदि के 200 के करीब पेंटिंग्स हैं.
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