जापान के फुकुशिमा के तट पर 22 नवंबर 2016 को 7.4 तीव्रता वाला भूकंप आया जिसके बाद जापान में सुनामी का खतरा मंडराने लगा है. इसी इलाके में वर्ष 2011 में जापान का सबसे भयंकर भूकंप आया था जिसके बाद विनाशकारी सुनामी आई और करीब 18000 लोगों की मौत हो गई. इस भयंकर प्राकृतिक आपदा में जापान का एक परमाणु संयंत्र भी बर्बाद हो गया था.
मुख्य बातें:
भूकंप के झटके भूकंप के केंद्र से दक्षिणपश्चिम दिशा में 150 मील दूर स्थित टोक्यो में भी महसूस किए गए. हालांकि अभी तक इससे किसी के मौत होने की खबर नहीं आई है लेकिन मामूली चोट और नुकसान की खबरें मिली हैं. सेनडाई में सबसे उंची लहरों के साथ तटीय इलाकों में ज्वारीय लहरों में आई तेजी को देखते हुए सुनामी की आरंभिक चेतावनी जारी कर दी गई है. हालांकि ज्यादातर इलाकों में एडवाइजरी को हटा लिया गया है.
जापान के मौसमविज्ञान एजेंसी के अनुसार, यह भूकंप 2011 के भूकंप के बाद आया भूकंप है और संभव है कि आने वाले दिनों में भूकंप के कुछ और झटके आएं.
हालांकि फुकुशिमा डायची परमाणु बिजली संयंत्र में किसी प्रकार के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है, संयंत्र के इंधन पूल में ठंडा पानी की आपूर्ति करने वाले एक पंप ने काम करना बंद कर दिया है. बैकअप पंप के साथ स्थिति अब नियंत्रण में है और पहले वाले पंप को ठीक करने का काम किया जा रहा है. भूकंप को देखते हुए डायची परमाणु संयंत्र में चल रहे तोड़– फोड़ कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. इस बीच मोटर कंपनी निसान ने फुकुशिमा स्थित अपनी फैक्ट्री में काम बंद कर दिया है. सेंडाई हवाईअड्डे से फिलहाल उड़ान सेवाएं निलंबित हैं.

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