केंद्र सरकार ने लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ता (डीए) दो प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की है. इससे केंद्र के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा. केंद्र सरकार द्वारा 07 मार्च 2018 को कैबिनेट मीटिंग में इस संदर्भ में निर्णय लिया गया.
पहले यह महंगाई भत्ता 5% था जिसे अब बढ़ाकर 7% कर दिया जायेगा. इससे सरकार में कार्यरत तथा पेंशन प्राप्त कर रहे कर्मचारियों को लाभ होगा.
सरकारी घोषणा के मुख्य तथ्य
• केंद्र सरकार द्वारा बढाए गये महंगाई भत्ते को 1 जनवरी 2018 से लागू माना जायेगा.
• इस वृद्धि से केन्द्र सरकार के 48.41 लाख कर्मचारियों और 61.17 पेंशनभोगियों को फायदा होगा.
• इससे केंद्र के खजाने पर सालाना 6077.72 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
• जनवरी 2018 से फरवरी 2019 तक 14 माह के लिए यह बोझ 7090,68 करोड़ रुपये का होगा. यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत की गई है.
महंगाई भत्ते के बारे में
महंगाई भत्ता अर्थात् डीए हर सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को साल में दो बार दिया जाता है. साल में जनवरी और जुलाई के माह में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा करती रही है. इसे महंगाई दर बढ़ने के अनुसार दिया जाता है जिसके लिए वृद्धि स्वीकार्य फार्मूला के मुताबिक होती है.
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का प्रभाव
केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देकर एक करोड़ से ज्यालदा कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा दिया. इससे करदाताओं पर एक लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा है जो कि हमारी जीडीपी का 0.7 प्रतिशत है. यह बदलाव एक जनवरी 2016 से लागू किया गया है. आयोग की ओर से बेसिक पे में प्रतिवर्ष 14.27 प्रतिशत की बढ़ोत्तवरी की सिफारिश की गई है. सरकारी खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्तर खर्च का 73,560 करोड़ आम बजट से तथा 28,450 करोड़ रुपए रेलवे से निकाला जाएगा.
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