मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने 07 सितंबर 2017 को वर्ष 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के दोषियों के लिए सज़ा की घोषणा की है. अदालत के फैसले में अबू सलेम को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गयी.
टाडा अदालत ने ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद को फांसी की सजा सुनाई जबकि अबू सलेम पर उम्रकैद के साथ दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
इससे पहले टाडा अदालत ने 16 जून 2017 को अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, उसके भाई मोहम्मद दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, मर्चेंट ताहिर और करीमुल्लाह शेख को दोषी करार दिया था. गौरतलब है कि सलेम अभी नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद है और वर्ष 1995 के प्रदीप जैन हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
अबू सलेम को फांसी की सज़ा इसलिए नहीं दी गयी क्योंकि उसे पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के तहत भारत लाया गया था. पुर्तगाल में फांसी की सज़ा न होने के कारण प्रत्यर्पण संधि के तहत अबू सलेम को फांसी नहीं दी गयी.
टाडा अदालत का फैसला
अबू सलेम : उम्रक्रैद और 2 लाख रुपये का जुर्माना.
करीमउल्ला शेख : उम्रक्रैद और 2 लाख रुपये का जुर्माना.
रियाज सिद्दीकी: 10 साल की सज़ा.
ताहिर मर्चेंट : फांसी की सज़ा.
फिरोज अब्दुल राशिद खान : फांसी की सज़ा.
मुंबई बम धमाके
मुंबई में 2 मार्च 1993 को एक के बाद एक 12 स्थानों पर धमाके हुए. इन विस्फोटों में कुल 257 लोग मारे गए और 713 गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इन बम धमाकों में बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की बिल्डिंग की भूमिगत स्थल पर भी धमाका हुआ जिसमें 50 लोग मारे गये थे. इसी क्रम में अगले दो घंटों में कुल 13 धमाके हुए जिससे लगभग 27 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था.
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