मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नामित किए गए हैं. यह घोषणा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने की. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुसार समाजवादी पार्टी में नेता जी (मुलायम सिंह) की भूमिका अहम बनी रहेगी.
नवघोषित राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश को संसदीय बोर्ड, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों के चयन का अधिकार भी सौंपा गया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में 229 में से 204 विधायक अखिलेश के समर्थन में मौजूद रहे.
अब तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव को संरक्षक की भूमिका दी गई है. अखिलेश ने विधान परिषद सदस्य नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. अब तक अखिलेश यादव के चाचा शिव पाल यादव समाजवादी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन थे.
राष्ट्रीय अधिवेशन में तय किए गए अन्य फैसलों में शिवपाल यादव को पार्टी के राज्य अध्यक्ष पद से हटाया गया और अमर सिंह को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव भी पारित किया गया. राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव दोनों ही मौजूद नहीं थे.
रामगोपाल यादव द्वारा आयोजित सम्मेलन को मुलायम सिंह ने पार्टी संविधान के विरुद्ध बताया और पार्टी को चेतावनी दी है कि इसमें हिस्सा लेने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
इसके बाद अधिवेशन के आयोजक प्रो. रामगोपाल यादव, किरनमय नंदा और नरेश अग्रवाल को सपा से निष्कासित कर दिया गया. समाजवादी पार्टी के इस विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में लगभग 10 हज़ार पार्टी कार्यकर्ता सम्मिलित हुए.
समाजवादी पार्टी ने इससे एक ही दिन पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके करीबी सहयोगी रामगोपाल यादव को पार्टी में वापस लिया था. 30 दिसम्बर 2016 को दोनों का पार्टी से निष्कासन किया गया था. समाजवादी पार्टी में झगडा आगामी विधानसभा चुनाव हेतु पार्टी के टिकट बांटने को लेकर है.
राष्ट्रीय अधिवेशन के मुख्य फैसले-
- अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष बने.
- मुलायम सिंह को संरक्षक की भूमिका प्रदान की गयी.
- शिवपाल प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए गए.
- महासचिव अमर सिंह पार्टी से निष्कासित किए गए.
- अखिलेश पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और सभी राज्य संगठनों को जरूरत के मुताबिक गठित करने को अधिकृत किए गए.
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