भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- 'शरदचंद्र पवार' गुट को नया चुनाव चिन्ह 'तुरहा बजाता हुआ व्यक्ति' (Man blowing Turha) आवंटित किया है. लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार गुट के लिए यह एक अच्छी खबर है.
पार्टी के प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने इसके बारें में जानकारी दी है. इससे पहले चुनाव आयोग ने अपने एक आदेश में राकांपा-शरदचंद्र पवार गुट को नया चुनावी सिंबल दिया. इसे मराठी में तुतारी कहते है. नया सिंबल मिलाने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश देखा जा रहा है.
इससे पहले शरद पवार गुट को चुनाव चिह्न के रूप में 'वटवृक्ष' मिला था. इस पर आपत्ति जताते हुए विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि वटवृक्ष उनके संगठन का रजिस्टर्ड सिंबल है.
Election Commission of India allotted 'Man blowing Turha' symbol to Nationalist Congress Party - Sharadchandra Pawar pic.twitter.com/RUB81OfV0i
— ANI (@ANI) February 22, 2024
पार्टी को क्यों मिला नया सिंबल:
पिछले साल जुलाई में अजित पवार कुछ अन्य विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. जिसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गयी थी.
इसके बाद मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा जिसके बाद आयोग ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और 'घड़ी' चिह्न आवंटित कर दिया था. इस घटनाक्रम के बाद आयोग ने शरद पवार गुट को नया सिंबल जारी किया.
क्या होता है तुरहा/तुतारी?
'तुरहा' एक क्लासिक वाद्य यंत्र है, जिसे 'तुतारी' के नाम से भी जाना जाता है. सिंबल मिलने पर पार्टी की ओर से एक पोस्ट में कहा गया कि "छत्रपति शिवाजी महाराज की अपार वीरता का प्रतीक तुतारी, एक बार दिल्ली के सम्राट को बहरा करने की हद तक गूंज उठा था। आगामी चुनावों के लिए तुतारी (मैन ब्लोइंग तुरहा) को हमारे प्रतीक के रूप में अपनाना हमारी पार्टी के लिए एक बड़ा विशेषाधिकार है''
कैसे मिलता है चुनावी सिंबल?
भारत का निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत चुनावी सिंबल आवंटित करता है. राष्ट्रीय स्तर पर 'राष्ट्रीय पार्टी' और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय पार्टियों को एक चुनाव चिन्ह दिया जाता है.
निर्वाचन आयोग के पास किसी दल को चुनाव चिन्ह आवंटित करने का अधिकार होता है. चुनाव चिन्ह दो प्रकार के होते है- आरक्षित यानी रिजर्व चुनाव चिन्ह और दूसरा फ्री यानी मुक्त चुनाव चिन्ह.
रिजर्व चुनाव चिन्ह किसी राष्ट्रीय पार्टी या राज्य स्तर की पार्टी (State Party) के लिए रिजर्व रहते है. और उस सिंबल पर पार्टी का एकाधिकार रहता है. वहीं दूसरी ओर आयोग के पास फ्री/मुक्त चुनाव चिन्ह की भी एक लिस्ट होती है जिसे किसी भी छोटे दल या निर्दल कैंडिडेट को आवंटित किये जाते है.
अगर कोई दल चुनाव चिन्ह खुद निर्वाचन आयोग के सामने रखता है तो अगर वह किसी दल को आवंटित नहीं है तो आयोग उस दल को उस सिंबल को अलॉट कर सकता है.
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