दुनिया में सरसों बीज का सबसे बड़ा उत्पादक देश, जानें नाम

Sep 9, 2025, 14:57 IST

नेपाल दुनिया में सरसों के बीजों का सबसे बड़ा उत्पादक है और दुनिया के कुल उत्पादन में इसका 22% से ज्यादा का योगदान है। आइए जानें कि नेपाल सरसों की खेती में कैसे सबसे आगे है, सरसों के बीज पैदा करने वाले टॉप देश कौन-से हैं, और सरसों के बीजों का तेल, भोजन और सेहत के लिए कैसे इस्तेमाल होता है।

सरसों बीज का सबसे बड़ा उत्पादक देश
सरसों बीज का सबसे बड़ा उत्पादक देश

नेपाल दुनिया में सरसों के बीजों का सबसे बड़ा उत्पादक है। 2023 में दुनिया के कुल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी लगभग 22-27% थी। नेपाल का तराई क्षेत्र सरसों की खेती के लिए बहुत अच्छी जगह है। यहां की सर्दियां ठंडी होती हैं, जलोढ़ मिट्टी उपजाऊ है और स्थानीय भोजन में सरसों तेल का इस्तेमाल करने की एक मजबूत परंपरा है। इस वजह से नेपाल आयात और निर्यात, दोनों में एक ग्लोबल लीडर है। सरसों के बीजों के बारे में और जानने के लिए आगे पढ़ें।

सरसों के बीजों का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन-सा है?

नेपाल सरसों के बीज उत्पादन में दुनिया में सबसे आगे है। 2023 में इसका अनुमानित उत्पादन लगभग 2,08,542 टन था। भले ही नेपाल क्षेत्रफल के हिसाब से एक छोटा देश है, लेकिन यहां के निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर सरसों की खेती होती है। साथ ही, सरसों के तेल पर सांस्कृतिक निर्भरता ने इसे टॉप पर पहुंचा दिया है। रूस और कनाडा इसके ठीक पीछे हैं। दोनों देश हर साल 1,70,000 टन से ज्यादा उत्पादन करते हैं।

नेपाल कितना सरसों बीज पैदा करता है?

नेपाल ने 2023 में लगभग 2,08,542 टन सरसों के बीज का उत्पादन किया। इसके साथ ही दुनिया भर में इसकी 22% से ज्यादा की हिस्सेदारी बनी हुई है। सरसों देश की एक मुख्य तिलहन फसल है। इसे ज्यादातर सर्दियों (रबी) के मौसम में उगाया जाता है। मधेश, लुंबिनी और कोशी जैसे प्रांतों के किसान हर साल 1,87,000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर सरसों की खेती करते हैं।

सरसों के बीज पैदा करने वाले टॉप 5 देश (2023)

रैंक

देश

सालाना उत्पादन (टन में)

1

नेपाल

2,08,500

2

रूस

1,71,600

3

कनाडा

1,70,700

4

मलेशिया

1,46,100

5

यूक्रेन

76,900

ध्यान दें: यह डेटा FAOSTAT, हेल्गी लाइब्रेरी, और द वर्ल्ड रैंकिंग (2023) पर आधारित है।

नेपाल

नेपाल दुनिया का सबसे बड़ा सरसों बीज उत्पादक है। इसका कारण यहां की खेती के लिए अनुकूल जलवायु और खाना पकाने में सरसों तेल का पारंपरिक इस्तेमाल है। ज्यादातर उत्पादन घरेलू इस्तेमाल के लिए होता है। सरसों छोटे किसानों के लिए एक अहम फसल है। तराई क्षेत्र के सरसों के खेतों में नवंबर से फरवरी के बीच फूल खिलते हैं और मार्च तक फसल काट ली जाती है।

रूस

रूस दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां के समशीतोष्ण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सरसों की खेती की जाती है। आधुनिक मशीनरी, विशाल कृषि भूमि और निर्यात पर जोर देने वाला उत्पादन रूस को दुनिया का एक अहम खिलाड़ी बनाता है।

कनाडा

कनाडा तीसरे स्थान पर है, जो लगभग 1,70,700 टन का उत्पादन करता है। हालांकि, यह रूस से थोड़ा पीछे है, लेकिन कनाडा में सरसों की खेती का सबसे बड़ा क्षेत्र है। यह ज्यादातर सस्केचेवान में है। कनाडा के सरसों के बीजों का इस्तेमाल मुख्य रूप से सरसों के मसाले बनाने और निर्यात के लिए किया जाता है।

मलेशिया

मलेशिया ने 2023 में लगभग 1,46,100 टन का उत्पादन किया। देश ने हाल के सालों में अपने तिलहन उत्पादन को बढ़ाया है और एशिया में एक महत्त्वपूर्ण सरसों उत्पादक के रूप में उभर रहा है।

यूक्रेन

यूक्रेन हर साल करीब 77,000 टन का योगदान देता है। यूरोप में बढ़ती मांग के कारण यहां का सरसों उद्योग बढ़ा है। यहां सरसों के बीजों का इस्तेमाल सॉस, अचार और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।

सरसों के बीजों के बारे में रोचक तथ्य

-सरसों के बीज पीले, भूरे और काले रंग के होते हैं। हर किस्म का तीखापन, तेल की मात्रा और रसोई में इस्तेमाल अलग-अलग होता है। पीले बीज कम तीखे होते हैं और अक्सर सॉस में इस्तेमाल किए जाते हैं, जबकि काले बीज ज्यादा मसालेदार होते हैं और भारतीय खाने में आम हैं।

-नेपाल में सरसों का तेल सिर्फ खाना पकाने के लिए ही नहीं, बल्कि मालिश, त्वचा की देखभाल और धार्मिक अनुष्ठानों में भी इस्तेमाल होता है। कोल्ड-प्रेस्ड सरसों के तेल को उसकी तेज सुगंध और सेहत से जुड़े फायदों के लिए महत्त्व दिया जाता है।

-कनाडा सरसों के बीजों के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, खासकर यूरोप में ऐसा है। कनाडा के बीजों को सरसों के पेस्ट में बदला जाता है, जिसमें फ्रांस का मशहूर डिजॉन मस्टर्ड भी शामिल है।

-सरसों के बीजों में ग्लूकोसाइनोलेट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। इन्हें सूजन-रोधी और कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। ये पाचन में मदद करते हैं और मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाते हैं।

-नेपाल और भारत जैसे देशों में सरसों के फूल समृद्धि का प्रतीक हैं। इन्हें अक्सर होली और बसंत पंचमी जैसे वसंत त्योहारों के दौरान देखा जाता है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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