केंद्र सरकार ने देश में लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एडवाइजरी में नागरिकों को बताया है कि लू से बचाव हेतु और लू लगने की स्थिति में क्या करें, क्या न करें.
साथ ही राज्य सरकारों को लू के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं एवं अन्य इंतजाम सुनिश्चित करने हेतु कहा गया है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों के लिए प्रचंड गर्मी से राहत रहेगी, तथा उसके बाद पारा फिर से चढ़ेगा.
Abatement of Heat wave conditions over most parts of the country.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 2, 2022
Thunderstorm/gusty winds very likely over Northwest India till 04th may; over East India & south Peninsular India till 06th May and over Northeast India till 03rd May, 2022. pic.twitter.com/T7e4zSswxR
122 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
ये एडवाइजरी केंद्र सरकार की ऐसे समय आई है, जब प्रचंड गर्मी ने उत्तर भारत में 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल में उत्तर-पश्चिमी इलाकों में औसत अधिकतम तापमान 35.90 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि मध्य भारत में ये 37.78 डिग्री रहा. जो पिछले 120 सालों में सबसे ज्यादा है.
जलवायु परिवर्तन मुख्य वजह
पारे ने अप्रैल में ही कई जगह 47 डिग्री का स्तर छू लिया है. दिल्ली की गर्मी में 72 साल का रिकॉर्ड झुलस गया है. इसकी मुख्य वजह जलवायु परिवर्तन और बारिश में बेहद कमी बताई जा रही है. 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच पूरे देश में 32 प्रतिशत तो उत्तर पश्चिम भारत में 86 प्रतिशत तक कम बारिश हुई.
सरकार ने सलाह दी
केंद्र सरकार के अनुसार, सलाह दी गई है कि तेज गर्मी खासकर दोपहर को 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर न निकलें. जरूरी हो तो छाता लेकर जाएं या सूरज की सीधी रोशनी से बचने के लिए टोपी, तौलिया, गमछा आदि से अच्छी तरह ढककर रहें.
धूप में नंगे पैर न निकलें. प्यास न होने पर भी पानी पीते रहें. ओआरएस आदि लें. मौसमी फल-सब्जियां खाएं. छोटे बच्चों में खाना खाने से अरुचि, बेहद चिड़चिड़ापन, पेशाब में कमी, आलस, सुस्ती और आंखों में आंसू सूखने को खतरनाक लक्षण करार दिया गया है.
कहा गया है कि यदि लू लगने के गंभीर लक्षण दिखें तो 108/102 हेल्पलाइन पर संपर्क करें. केंद्र सरकार ने कहा है कि नवजात एवं छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दिमागी तौर पर परेशान लोगों और बाहर खुले में काम करने वालों को लू लगने का ज्यादा खतरा है.
चक्कर आना, हाथ एड़ी और टखने में सूजन, मांसपेशियों में कमजोरी, अकड़न, 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा बॉडी टेम्परेचर, मिचली उलटी आना, धड़कन बढ़ना, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों को मेडिकल इमरजेंसी माना जाना चाहिए.
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