केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 29 मई 2017 को नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्मित एक 'एंटी रैंगिंग मोबाइल एप' की शुरूआत की.
यह एप शिकायतों को दर्ज कराने की प्रक्रिया को आसान करेगा और इसके जरिए पीड़ित छात्रों को मदद मिलेगी.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि रैगिंग नए छात्रों को दी जाने वाली मानसिक और शारीरिक यातना है. जिसको कभी मंजूर नहीं किया जाता है.
इसकी कोई अनुमति नहीं दी जा सकती, इसलिए यह एप इस तरह के अनुभव से गुजरने वाले युवाओं के लिए एक कारगर माध्यम के रूप में कार्य करेगा. यह एप एंड्रॉयड सिस्टम पर काम करेगा, जहां ऐसे पीड़ित छात्रों को अपनी शिकायत दर्ज करवाने के साथ ही उसका निपटारा भी तुरंत ही मिलेगा.
इस मोबाइल एप्लिकेशन से छात्रों को रैगिंग की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी.
इससे पहले रैंगिंग की शिकायत दर्ज कराने हेतु वेबसाइट का सहारा लेना पड़ता था. मगर इस एप से ऐसे मामलों में कमी आएगी. रैंगिंग करवाने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें संस्थान में पढ़ाई जारी रखने का अनुमति नहीं होगी.
साथ ही कानून के अनुसार भी उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करके उन्हें सजा दी जाएगी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सीनियर छात्रों से रैगिंग की बजाए अपने जूनियर छात्रों का मार्गदर्शन करने की अपली भी की है.
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