केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शिशु कर्ज श्रेणी के अंतर्गत आने वाले छोटी राशि का कर्ज ले रखे कर्जदाताओं को दो प्रतिशत ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी है. यह कदम छोटे कारोबारियों को कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद उसकी रोकथाम के लिए लॉकडाउन से हुई समस्या से पार पाने में मदद के लिए उठाया गया है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल ही में मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत शिशु लोन लेने वाले लाभार्थियों को ब्याज में 2 प्रतिशत की सहायता देने का निर्णय लिया गया है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शिशु श्रेणी में लाभार्थियों को 50,000 रुपये तक का कर्ज बिना किसी गारंटी के दिया जाता है.
सरकारी खजाने पर बोझ
केंद्र सरकार के अनुसार, शिशु श्रेणी के अंतर्गत लाभार्थियों को 50,000 रुपये तक कर्ज बिना किसी गारंटी के दिया जाता है. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दो प्रतिशत ब्याज सहायता से सरकारी खजाने पर करीब 1,542 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि योग्य लाभार्थियों को 31 मार्च 2020 तक के बकाया ऋण पर यह ब्याज सहायता 12 महीने के लिये मिलेगी. यह लोन वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थान (MFI) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां देती हैं.
कर्जदाताओं के लिए लाभ
जिन कर्जदाताओं ने कोविड-19 नियामकीय पैकेज के तहत आरबीआई द्वारा कर्ज लौटाने को लेकर दी गई मोहलत का लाभ लिया है, उनके लिए योजना उस अवधि के समाप्त होने के बाद लागू होगी. कर्जदाताओं के लिए यह योजना एक सितंबर 2020 से 31 अगस्त 2021 तक के लिए होगी. अन्य कर्जदाताओं के लिए योजना एक जून 2020 से 31 मई 2021 तक के लिए होगी.
यह योजना किनके लिए मान्य होगी
यह योजना उन लोन के लिए मान्य होगी जो इन मानदंडों को पूरा करते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार 31 मार्च 2020 को तथा योजना की परिचालन अवधि के दौरान गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) कटैगरी में नहीं थे. ब्याज सब्सिडी उन महीनों के लिए देय होगी, जिनमें खाते एनपीए की कटैगरी में नहीं आते हैं. इनमें वे महीने भी शामिल है, जिनमें खाते एनपीए बनने के बाद फिर से निष्पादित परिसंपत्ति बन जाते हैं. यह योजना लोगों को प्रोत्साहित करेगी जो लोन की नियमित अदायगी करेंगे.
शिशु मुद्रा लोन योजना क्या है?
शिशु मुद्रा लोन योजना के तहत कोई व्यक्ति दुकान खोलने, रेहड़ी-पटरी पर कारोबार करने जैसे छोटे काम के लिए बैंक से 50,000 रुपये तक का लोन ले सकता है. वे इससे अपना रोजगार कर सकता है. केंद्र सरकार का मकसद छोटे स्तर पर व्यापार करने वालों की मदद करने का है. इसलिए शिशु मुद्रा लोन योजना के तहत सिर्फ छोटे व्यापारियों को लोन मिल सकता है.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरूआत की थी. इसके तहत 10 लाख रुपये तक का कर्ज लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों को दिया जाता है. केंद्र सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) शुरू की है. इसके तहत लोगों को अपना उद्यम (कारोबार) शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है. इस योजना के तहत कर्ज लेने वालों को तीन वर्गों में बांटा गया है. यह योजना भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी और 12 माह तक परिचालन में रहेगी.
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