कैबिनेट ने आधार अध्यादेश को मंजूरी दी

संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान है. आधार के नियम के मुताबिक बायोमेट्रिक डेटा का भंडारण गैरकानूनी है.

Mar 1, 2019, 11:24 IST
Cabinet approves Aadhaar Ordinance
Cabinet approves Aadhaar Ordinance

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी 2019 को आधार एक्ट 2016 में संशोधन को लेकर एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी. कैबिनेट ने आधार को स्वैच्छिक रूप से मोबाइल नंबर, बैंक खातों से जोड़ने को कानूनी आधार प्रदान करने के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी.

संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान है. आधार के नियम के मुताबिक बायोमेट्रिक डेटा का भंडारण गैरकानूनी है. लोकसभा ने 04 जनवरी 2019 को इससे संबंधित विधेयक पारित कर दिया था लेकिन विधेयक राज्य सभा में पेश नहीं किया जा सका. इसलिए अब सरकार यह अध्यादेश ला रही है.

आधार अध्यादेश से संबंधित मुख्य तथ्य:

•   टेलिग्राफ एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में केवाईसी के लिए आधार स्वैच्छिक है. कोई भी कंपनी अगर आधार की जानकारी का इस्तेमाल करती है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट और आधार एक्ट के तहत निजता मानकों का पूरा ध्यान रखना होगा.

•   इस अध्यादेश के आने के बाद कोई व्यक्ति जो जिसके पास आधार नहीं है, उसे किसी भी योजना से वंचित नहीं किया जा सकेगा.

•   नए नियम के मुताबिक आधार एक्ट का अगर कोई कंपनी उल्लंघन करती है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

•   नए अध्यादेश के मुताबिक, किशोरों को 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर आधार संख्या रद्द करने का विकल्प देने समेत कई नए नियम लागू हो जाएंगे. इसमें आधार के इस्तेमाल और निजता के लिए तय नियमों के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है.

•   अधिप्रमाणन या ऑफलाइन सत्यापन या किसी अन्य ढंग से भौतिक या इलेक्ट्रानिक रूप में आधार संख्या के स्वैच्छिक उपयोग के लिए उपबंध करना, आधार संख्या के ऑफलाइन सत्यापन का अधिप्रमाणन केवल आधार संख्या धारक की सूचित सहमति से किया जा सकता है.

•   अध्यादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि आधार कार्ड न देने पर किसी को भी किसी तरह की सेवा देने से इनकार नहीं किया जा सकता, चाहे बैंक खाता खुलवाना हो या मोबाइल फोन का सीम खरीदना हो.

सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितम्बर 2018 को अपने फैसले में आधार कानून के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर दिया था, जिससे लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जा सके और उनकी निजता को बरकरार रखा जा सके.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि आधार अधिनियम 2016 भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों को सुशासन, विशिष्ट पहचान संख्या अनुदेशित करके ऐसी सुविधाओं और सेवाओं के कुशल, पारदर्शी और लक्षित परिदान के लिए तथा उससे संबंधित एवं अनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए लाया गया था.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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