Tejas 2.0 mega project: तेजस-1 की अपार सफलता के बाद तेजस 2.0 मेगा प्रोजेक्ट को सरकार की मंजूरी मिल गयी है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) या सुरक्षा पर केंद्रीय कैबिनेट समिति ने तेजस मार्क -2 प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है.समिति ने प्रोटोटाइप, उड़ान परीक्षण और प्रमाणन के साथ तेजस मार्क -2 लड़ाकू जेट के डिजाइन और विकास के लिए 6500 करोड़ रुपये मंजूर किए है. 6500 करोड़ की मंजूरी, HAL को स्वीकृत मौजूदा 2500 करोड़ के अतिरिक्त है.
तेजस 2.0 स्वदेशी तेजस हल्के लड़ाकू विमान (LCA) का एडवांस संस्करण होगा. तेजस मार्क -2 के पूरा होने के बाद, CCS ने महत्वाकांक्षी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर विमान निर्माण के मेगा प्रोजेक्ट के विकास को मंजूरी देने की भी योजना बनाई है. जो भारत के मेक इन इंडिया (Make in India) मूवमेंट को और मजबूती प्रदान करेगा.
भारत के लिए तेजस 2.0 क्यों है जरुरी?
भारत Tejas MK-2 को मुख्य रूप से मिग-29, मिराज-200, जगुआर जैसे विभिन्न प्रकार के विमानों के विकल्प के रूप में देख रहा है. तेजस-2.0 एक उन्नत 4.5++ पीढ़ी का विमान होगा जो कई मामलों में राफेल की क्षमता के अनुरूप होगा. यह दुनिया के सबसे उन्नत विमानों जैसे F-22 रैप्टर जैसे इंडियम ऑक्साइड लेयर से भी प्रेरित होगा. जो भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करेगा. चीन के साथ सीमा पर बढ़ती तल्खी के बीच इस प्रोजेक्ट को बहुत ही अहम माना जा रहा है. तेजस 2.0 भारतीय वायुसेना को एक नयी मजबूती देगा.
क्या होगी तेजस 2.0 की खासियत?
- तेजस 2.0 को उड़ान और लड़ाकू क्षमताओं में कई अतिरिक्त परिवर्तन के साथ पेश किया जायेगा. तेजस 2.0 98 किलोन्यूटन थ्रस्ट क्लास के शक्तिशाली GE-414 इंजन से लैस होगा, जो इसकी उड़ान रेंज को बढ़ाएगा. तेजस 2.0 में मौजूदा संस्करण की तुलना में अतिरिक्त पेलोड और हथियार ले जाने की क्षमता होगी.
- तेजस मार्क-2 जेट की पेलोड क्षमता मौजूदा संस्करण के 3 टन की तुलना में 4 टन होगी. इसके अलावा, नया जेट स्वदेशी रूप से विकसित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार से भी लैस होगा, जो मौजूदा AESA EL/M-2032 मल्टी-मोड रडार से से अधिक सक्षम होगा.
| विशिष्टता / फ़ीचर | तेजस मार्क-2 (स्वीकृत) | तेजस मार्क-1 (मौजूदा) |
| इंजन | GE-414 | GE-404 |
| पिक पॉवर (Peak Power) | 98 किलोन्यूटन | 83 किलोन्यूटन |
| भार क्षमता | 4 टन | 3 टन |
| राडार | (AESA) राडार | ELTA EL/M-2032 मल्टी-मोड रडार |
| विकल्प | मिराज-2000s, जगुआर और मिग-29s | मिग -21 |
वायुसेना में कब तक शामिल होगा तेजस 2.0?
तेजस के प्रोजेक्ट प्लान के अनुसार, तेजस 2.0 की पहली उड़ान की उम्मीद, वर्ष 2023 में की गयी है. जबकि 2025 में इसके उत्पादन की भविष्यवाणी की गई है. हालांकि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए कोविड -19 स्थिति के कारण और भी देरी हो सकती है. इसके कुछ पार्ट के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भरता थोड़ा संशय पैदा करती है, लेकीन HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की भागीदारी के कारण सिर्फ कुछ हिस्सों के असेंबलर और निर्माता होने के कारण देरी की संभावना कम हो जाती है.
उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना (Advanced Medium Combat Aircraft Project)
तेजस मार्क-2 परियोजना को मंजूरी देने के साथ-साथ CCS ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के विकास के लिए एक अन्य मेगा परियोजना पर भी ध्यान केन्द्रित किया है. इसके तहत स्टील्थ फीचर्स के साथ-साथ 'सुपर क्रूज' क्षमताओं के साथ एक लड़ाकू जेट का विकास होगा जिसके लिए 15000 करोड़ रुपये की मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
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