केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब RBI की निगरानी में सभी को-ऑपरेटिव बैंक

Jun 25, 2020, 10:25 IST

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सहकारी बैंकों के आरबीआइ के अंतर्गत आने से सहकारी बैंकों में ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा. आरबीआई की शक्तियां जैसे अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही सहकारी बैंकों पर भी लागू होंगी.

Cabinet decides to bring cooperative banks under the RBI through an ordinance in Hindi
Cabinet decides to bring cooperative banks under the RBI through an ordinance in Hindi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सहकारी बैंकों (Cooperative Bank) को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 23 जून 2020 को इस बात की जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने एक अध्यादेश पारित किया है. अध्यादेश पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सभी तरह के सहकारी बैंक आरबीआई के निगरानी के दायरे में आ जायेगा.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सहकारी बैंकों के आरबीआइ के अंतर्गत आने से सहकारी बैंकों में ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा. आरबीआई की शक्तियां जैसे अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही सहकारी बैंकों पर भी लागू होंगी. उन्होंने कहा कि बताया कि देश में 1482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्यीय सहकारी बैंक हैं.

क्यों लिया गया फैसला

दरअसल, बीते कुछ समय से देश के अलग-अलग हिस्सों के को-ऑपरेटिव बैंक में नियमों की अनियमितता का खुलासा हुआ है. सरकार का कहना है कि इन बैंकों के आरबीआई की निगरानी में आने के बाद 8.6 करोड़ से अधिक जमाकर्ताओं को भरोसा मिलेगा. यह आश्वासन मिलेगा कि उनका बैंकों में जमा 4.84 लाख करोड़ रुपया सुरक्षित है. इसके साथ ही ग्राहकों के हित में रिजर्व बैंक द्वारा लिए गए फैसले का फायदा निजी और सरकारी बैंकों के साथ ही को-ऑपरेटिव बैंक तक पहुंचेगा.

बजट में हुआ था घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2020 में आम बजट पेश करते हुए को-ऑपरेटिव बैंक को आरबीआई की निगरानी में लाने का प्रस्ताव रखा था. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया था. इसका मतलब ये हुआ कि बैंक में जमा राशि डूब भी जाती है तो आपको पांच लाख तक की बीमा मिलेगी.

शिशु लोन लेने वालों को ब्याज में छूट

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुद्रा लोन करीब 18 से 20 करोड़ लोगों को मिला है. 9 करोड़ 33 लाख लोगों को शिशु लोन मिला है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिशु लोन के योग्य लाभार्थियों को 12 महीनों के लिए ब्याज में दो प्रतिशत की छूट प्रदान करने का फैसला लिया है.

सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान की गई

बैंकिंग नियमन एक्ट में बदलाव कर सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान की गई है. सहकारी बैंकों का नियमन अब आरबीआई के नियमानुसार किया जाएगा. इनका ऑडिट भी आरबीआई नियमों के तहत होगा. अगर कोई बैंक वित्तीय संकट में फंसता है, तो उसके बोर्ड पर निगरानी भी आरबीआई ही रखेगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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