केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 28 फरवरी 2017 को करदाताओं के साथ दस अग्रिम मूल्य निर्धारण समझैता (एपीए) पर हस्ताक्षर किए. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों जैसे दूरसंचार, फार्मास्युटिकल, बैंकिंग और फाइनैंस, इस्पात, खुदरा और सूचना प्रौद्योगिकी आदि में एपीए पर हस्ताक्षर किए गए.
चालू वित्त वर्ष में कुल 76 एपीए ( 7 द्विपक्षीय एपीए और 61 एकपक्षीय एपीए) पर सीबीडीटी द्वारा अब तक हस्ताक्षर किया जा चुका है.
इस नवीनतम एपीए के साथ ही सीबीडीटी ने कुल 140 एपीए पर हस्ताक्षर कर लिए हैं. इसमें 10 द्विपक्षीय और 130 एकपक्षीय एपीए शामिल हैं. सीबीडीटी द्वारा चालू वित्त वर्ष के अंत तक और एपीए पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.
मुख्य विशेषताएं
• इन दस समझौतों में से दो द्विपक्षीय एपीए यूनाइटेड किंग्डम और जापान के साथ हैं जबकि इनमें से सात समझौते में रोलबैक प्रावधान हैं.
• पिछले सप्ताह किए गए एपीए अर्थव्यव्यवस्था के दूरसंचार, फार्मास्युटिकल, बैंकिंग और फाइनैंस, इस्पात, खुदरा, सूचना प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों से संबंधित है.
• इन समझौतों में कवर किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय लेनदेनों में शामिल है– रॉयल्टी फीस का भुगतान, वस्तुओं, आईटी समर्थित सेवाओं, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सर्विसेस और मार्केटिंग सपोर्ट सर्विसेस में व्यापार.
• एपीए क्लीनिकल रिसर्च सर्विसेस, गैर– बाध्यकारी निवेश परामर्श सेवा, ईसीबी पर ब्याज का भुगतान आदि भी कवर करत है.
अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता योजना (एपीए) के बारे में
• एपीए योजना वर्ष 2012 में आय–कर अधिनियम, 1961 में शामिल किया गया था और रोलबैक का प्रावधान 2014 में शामिल किया गया.
• योजना का उद्देश्य मूल्य निर्धारण के तरीकों को निर्दिष्ट कर और अग्रिम में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के मूल्य को निर्धारित कर ट्रांसफर प्राइसिंग (मूल्य निर्धारण हस्तांतरण) के क्षेत्र में करदाताओं को निश्चितता प्रदान करना है.
• अपनी स्थापना के बाद से ही, एपीए योजना में कई करदाताओं ने रूचि दिखाई है और करीब पांच वर्षों में ही 700 से अधिक आवेदन किए गए हैं.
• एपीए योजना की प्रगति को केंद्र सरकार के गैर– विरोधात्मक कर व्यवस्था को बढ़ावा देने के संकल्प को मजबूत बनाने के रूप में देखा जा रहा है.
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