केन्‍द्रीय सरकार ने ऑपरेशन क्‍लीन मनी पोर्टल लांच किया

May 17, 2017, 12:35 IST

ऑपरेशन क्‍लीन मनी के प्रथम चरण में 18 लाख लोगों को चिन्हित किया गया. चिन्हित व्यक्तियों के मामले में नकद लेन-देन दरअसल करदाताओं के प्रोफाइल से मेल नहीं खाते.

Operation Clean Moneyकेन्‍द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नई दिल्‍ली में वित्त मंत्रालय, राजस्‍व विभाग और केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड के वरिष्‍ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ऑपरेशन क्‍लीन मनी पोर्टल 'https://www.cleanmoney.gov.in' आधिकारिक रूप से लांच किया.

ऑपरेशन क्‍लीन मनी के प्रथम चरण में 18 लाख लोगों को चिन्हित किया गया. चिन्हित व्यक्तियों के मामले में नकद लेन-देन दरअसल करदाताओं के प्रोफाइल से मेल नहीं खाते.

ऑपरेशन क्‍लीन मनी के तहत लगभग 2.89 लाख करोड़ रुपये की नकद जमा राशि से जुड़े 13.33 लाख खातों के लिए 9.72 लाख से भी ज्‍यादा करदाताओं ने अपने जवाब ऑनलाइन पेश किये. ई-सत्‍यापन प्रक्रिया हेयु 5.68 लाख नये मामलों का पता लगाया गया.

ऑनलाइन सत्‍यापन प्रक्रिया पर करदाताओं की अच्‍छी प्रतिक्रिया हासिल हुई और 9.72 लाख से भी ज्‍यादा करदाताओं ने 12 मई, 2017 तक अपने जवाब आयकर विभाग जाये बगैर ही दे दिये.

पारदर्शिता हेतु ऑपरेशन क्लीन मनी की वेबसाइट पर इनकमटैक्स डिपार्टमेंट की ओर से मारे गए छापों का रिकॉर्ड अपलोड किया जाएगा.

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लाभ-

  • केंद्र सरकार के अनुसार ऑपरेशन क्‍लीन मनी पोर्टल के माध्यम से कर अनुपालन समाज के लिए नागरिक सहभागिता एवं पारदर्शी कर प्रशासन सुनिश्चित होगा.
  • ऑपरेशन क्‍लीन मनी पोर्टल से एक ही स्‍थान पर व्‍यापक जानकारी सुलभ हो जायेगी.

ई-फाइल रिटर्न में 22% की ग्रोथ-

  • देश में नोटबंदी के बाद आर्थिक जगत में डिजिटाइजेशन का मूवमेंट बढ़ा है. सरकार के टैक्स का असेसमेंट और उसकी वसूली भी बढ़ी है. लोगों ने कैश में लेन-देन करने से दूरी भी बनाई है.
  • ई-फाइल रिटर्न में भी 22% की वृद्धि हुई है. इसके अलावा अनएक्सप्लेंड डिपॉजिट करने वाले 17.92 लाख लोगों की पहचान की गई.
  • एक लाख ऐसे सस्पेक्टेड केस हैं, जिनमें टैक्स नहीं भरा गया है.

शेल कंपनियां छोटा मामला नहीं-

  • केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार "ऊंची जगहों पर बैठे लोग शेल कंपनियों के माध्यम से संपत्ति बना रहे हैं, शेल कंपनियों का मसला छोटा नहीं है.
  • जिन लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, उन्हें कई कैटगिरी में बांटा गया है. इनमें हाई रिस्क, मीडियम रिस्क, लो रिस्क और वेरी लो रिस्क जैसी कैटेगिरी शामिल हैं. हाई रिस्क वाले लोगों या ग्रुप्स के खिलाफ छापा, जब्ती और सीधी पूछताछ की जाएगी.
  • मीडियम रिस्क वालों को एमएमएस या ई-मेल के जरिए जरूरी जानकारी देने को कहा जाएगा.
  • वेरी लो रिस्क वाले डिफॉल्टर्स पर निगरानी रखी जाएगी.

कमेन्ट-
नोटबंदी के बाद देश में टैक्सपेयर्स की तादाद 91 लाख बढ़ गई है. डिमोनेटाइजेशन के बाद देश में 19,398 करोड़ की अघोषित आय का पता लगाया गया और इसके अलावा 30 करोड़ नए पैन जारी किए गए हैं.

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