चीन ने तीन-बाल नीति को दी मंजूरी, जानें वजह

Aug 20, 2021, 15:27 IST

यह नीति दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में तेजी से कम होती जन्म दर को रोकने के मकसद से लायी गयी है. नीति निर्माताओं ने देश में जनसांख्यिकीय संकट से निपटने के लिए एक बच्चे की नीति को जिम्मेदार ठहराया था.

China approves three-child policy with sops to encourage couples to have more children
China approves three-child policy with sops to encourage couples to have more children

चीन ने हाल ही में तीन बच्चों की नीति (Three Child Policy) को मंजूरी दे दी है. चीन में दपतियों को अब तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत मिल गई है. चीन की राष्ट्रीय विधायिका ने 20 अगस्त 2021 को दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में जन्म दर में भारी गिरावट को रोकने के उद्देश्य से एक प्रमुख नीतिगत बदलाव करते हुए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा तीन बच्चों की नीति का औपचारिक रूप से समर्थन किया गया.

संशोधित जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून, जो चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देता है नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति द्वारा पारित किया गया था. यह नीति दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में तेजी से कम होती जन्म दर को रोकने के मकसद से लायी गयी है. चीन ने अपने देश में परिवारों को तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी है.

यह नीति क्यों लाया गया?

यह नीति दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में तेजी से कम होती जन्म दर को रोकने के मकसद से लायी गयी है. नीति निर्माताओं ने देश में जनसांख्यिकीय संकट से निपटने के लिए एक बच्चे की नीति को जिम्मेदार ठहराया था.

यह फैसला देने का वजह

दरअसल, चीन दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जहां जन्म दर सबसे कम है. वर्तमान समय में चीन के सामने सबसे बड़ी चुनौती काम करने वालों की लगातार कम होती आबादी है. इस कारण वहां के युवाओं पर काफी ज्यादा दवाब है. उन पर अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने दादा-दादी और नाना-नानी का भी बोझ है.

एक आकलन के मुताबिक, अगले पांच साल में चीन की एक चौथाई आबादी की उम्र 65 साल से अधिक होगी, मतलब काम करने वालों की कमी और गरीबी की समस्या. इस कारण तीन बच्चों की नीति पर फैसला चीन ने काफी सोच-समझकर लिया है.

महंगाई एक बड़ी समस्या

चीन में बढ़ती महंगाई के कारण दंपति कम बच्चे पैदा कर रहे हैं और इन चिंताओं से निपटने के लिए कानून में अधिक सामाजिक और आर्थिक सहयोग के उपाय भी किए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नए कानून में बच्चों के पालन-पोषण और उनकी शिक्षा का खर्च कम करने के साथ ही परिवार का बोझ कम करने के लिए वित्त, कर, बीमा, शिक्षा, आवासीय और रोजगार संबंधी सहयोगात्मक कदम उठाए जाएंगे.

पृष्ठभूमि

चीन ने दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति को रद्द करते हुए साल 2016 में सभी दंपतियों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी थी. नीति निर्माताओं ने देश में जनसांख्यिकीय संकट से निपटने के लिए एक बच्चे की नीति को जिम्मेदार ठहराया था. मई 2021 में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने दो बच्चों की अपनी सख्त नीति में छूट देते हुए सभी दंपतियों को तीन तक बच्चे पैदा करने की अनुमति दी थी.

चीन में 1980 के दशक में राष्ट्रपति डेंग शाओपिंग के शासन में वन-चाइल्ड पॉलिसी यानी एक-बच्चे की नीति सख्ती से लागू की गई थी. इसके तहत माता-पिता केवल एक बच्चा ही पैदा कर सकते थे. इन नियमों को तोड़ने वाले जोड़ों और उनके बच्चों से सरकारी सुविधाएं छीन ली जाती थीं. यह योजना चीन ने साल 2015 तक जारी रखी.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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