चीन-भारत के बीच बढ़ते तनाव में चीन ने मतभेदों को दूर करने और रिश्तों को गहरा करने हेतु चार सूत्रीय पहल का प्रस्ताव किया है जिसमें उसके ‘वन बेल्ट, वन रोड’ परियोजना को भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ से मिलाने और मुक्त व्यापार समझौते पर फिर बातचीत करना शामिल है.
इसमें ‘चीन-भारत ट्रीटी ऑफ गुड नेबरलाइनेस एंड फ्रेंडली को-ऑपरेशन’ पर बातचीत शुरू करना और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का जल्दी हल तलाशने हेतु प्राथमिकताएं तय करना शामिल है.
चार सूत्री पहल का प्रस्ताव:
• चीन भारत ट्रीटी ऑफ गुड नेबरलाइनेस एंड फ्रेंडली को-ऑपरेशन पर वार्ता शुरू करना.
• चीन भारत मुक्त व्यापार समझौते पर फिर बातचीत शुरू करना.
• सीमा मुद्दे के जल्द हल के लिए प्रयास करना.
• चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड इनिशिएटिव’ और भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को एक साथ मिलने की संभावना को सक्रियता से तलाशना.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
चीनी राजदूत लुओ झाओहुई ने भारत पाक रिश्तों का हवाला देते हुए कहा कि अगर दोनों पक्ष स्वीकार करें तो चीन दोनों के देशों के मतभेदों का समाधान कराने हेतु मध्यस्थता करने की इच्छा रखता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते क्षेत्रीय स्थिरता तथा चीन के हितों के लिए अनुकूल हैं.
फिलहार भारत और चीन के बीच कई मुद्दे है जिसमें एनएसजी में भारक का प्रवेश सबसे उपर है. इस मुदेद पर चीन की तरफ से वही पूरानी बात कही गई कि चीन किसी भी देश की सदस्यता का विरोध नही करता है बस सदस्यता के नियमो के बार में बात करता है.
चीन ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी इसी तरह का रुख अख्तियार किया हुआ है और कहा है कि चीन किसी भी तरह के आतंकवाद का सर्मथन नही करता है और वो भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा अंतर्राष्ट्रीय जगत से सहयोग करने हेतु तैयार है.
चीन ने भारत-पाक संबंधो पर कहा कि अगर दोनो देश राजी हो तो वो मध्यस्थता करने के लिए तैयार है. चीन के राजदूत ने कहा कि दोनो देशो के बीच अच्छे संबंध स्थानीय स्थिरता और चीन के हित के लिए बहुत जरुरी है.
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