चीन के विदेश मंत्री वांग यी को पदोन्नति देकर 19 मार्च 2018 को स्टेट काउंसलर बनाया गया है. वे अब भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए नए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जा सकते हैं.
वांग यी ने यांग जिइची का स्थान लिया है जो पिछले साल पोलित ब्यूरो के सदस्य बन गए. पोलित ब्यूरो शी जिनपिंग की अध्यक्षता में सीपीसी की एक उच्च स्तरीय संगठन है.
वांग यी विदेश मंत्री के पद पर भी बने रहेंगे. वे हाल के वर्षों में एक साथ दोनों पदों पर बने रहने वाले पहले चीनी अधिकारी हैं.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री के पद के लिए वांग यी के नाम का समर्थन किया गया था.
चीनी प्रधानमंत्री लीक्विंग ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई वाली सरकार में अगले पांच साल तक विभिन्न पदों के प्रमुख अधिकारियों के नामों की घोषणा की जिसमें वांग यी का नाम भी शामिल था.
स्टेट काउंसलर:
• चीन के सत्ता पदानुक्रम में स्टेट काउंसलर का पद विदेश मंत्री के पद से ऊपर और शीर्ष राजनयिक पद माना जाता है.
• स्टेट काउंसलर पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की नीतियों को लागू सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी रहती है.
पृष्ठभूमि:
चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पांच वर्षीय दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ कैबिनेट के साथ शीर्ष राजनयिक पदों में भी बदलाव किया जा रहा है. चीन के हितों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती के साथ बचाव करने वाले वांग यी के पास अब चीन के दो शीर्ष राजनयिक पद हैं.
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