चीन द्वारा चांद पर भेजे गये रोवर चांग ई-4 द्वारा कपास के बीज अंकुरित करने में सफलता हासिल की गई है. चीन का दावा है कि उसने रोवर चांग ई-4 पर लगाए प्रयोगात्मक बॉक्स में यह सफल प्रयोग किया है.
गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब मनुष्य ने चांद पर कोई पौधा उगाया है. चीन के वैज्ञानिकों द्वारा 15 जनवरी 2019 को यह जानकारी सार्वजनिक की गई. चीन को अब चांद पर आलू उपजाने की भी उम्मीद है.
चांद पर कपास |
चोंगकिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने वायु, जल और मिट्टी युक्त 18 सेंटीमीटर का एक डिब्बा रोवर की सहायता से चांद पर भेजा था. इसके भीतर कपास, आलू और सरसों प्रजाति के एक-एक पौधे के बीज के साथ-साथ फ्रूट फ्लाई के अंडे और यीस्ट भेजे गए थे. यूनिवर्सिटी ने बताया कि अंतरिक्षयान से भेजी गई तस्वीरों में देखा गया कि कपास के अंकुर बढ़िया से विकसित हो रहे हैं, लेकिन अब तक अन्य पौधों के बीजों के अंकुरित होने की खबर नहीं है. प्रयोग की अगुवाई करने वाले चीन के वैज्ञानिक शाइ गेंगशिन ने कहा, “यह पहला मौका है, जब मानव ने चंद्रमा की सतह पर जीवविज्ञान में पौधों के विकास के लिए प्रयोग किए.” |
चांग ई मिशन के बारे में
चीन ने चांग ई-4 यान को 8 दिसंबर 2018 को शियांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से मार्च 3बी रॉकेट की मदद से लॉन्च किया था. चांग ई-4 अपने साथ एक रोवर (स्पेस एक्सप्लोरेशन वीइकल) भी लेकर गया है. यह लो फ्रिक्वेंसी रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेशन की मदद से चांद के पिछले हिस्से की सतह की संरचना और मौजूद खनिजों के बारे में पता लगाएगा. इसके साथ ही यह रोवर पृथ्वी से चंद्रमा की पिछली सतह पर पहुंचने वाला विश्व का पहला यान बन गया है.
चांग ई-4 यान चांद के वोन कारमन क्रेटर में उतरा. यह हिस्सा चंद्रमा का सबसे बड़ा, सबसे गहरा और सबसे पुराना माना जाता है. यान के लैंड होने पर मॉनिटर कैमरे से चंद्रमा के इस भाग की तस्वीरें भेजी गईं. यह चंद्रमा के पिछले हिस्से की पृथ्वी पर उपलब्ध पहली तस्वीरें हैं.
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