Constitution Day 2019: 26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?

Nov 26, 2019, 10:18 IST

इस विशेष दिन पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है. यह भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में प्रत्येक साल 26 नवंबर को मनाया जाता है.

Indian Constitution day
Indian Constitution day

संविधान दिवस प्रत्येक साल देश में 26 नवंबर को मनाया जाता है. भारत में इस दिवस को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इस विशेष दिन पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है. यह भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में प्रत्येक साल 26 नवंबर को मनाया जाता है.

भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था. यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था. यह भारत सरकार द्वारा 19 नवंबर 2015 को प्रत्येक साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने के लिए घोषणा किया गया था. यह घोषणा अम्बेडकर की स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी मेमोरियल की आधारशिला रखने के दौरान हुई थी.

26 नवंबर को ही संविधान दिवस क्यों?

भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी. आजादी मिलने के साथ ही देशभर में शासन चलाने हेतु एक सुदृढ़ संविधान की जरूरत महसूस होने लगी. तब बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा का गठन किया गया और भारत के संविधान का प्रारूप 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया. यही कारण है कि प्रत्येक साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है.

समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों में हस्तलिखित और सुलेखित संविधान का मसौदा तैयार किया. इसमें किसी भी प्रकार की टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया. संविधान सभा के कुल 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए. इसे दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था.

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भारत का संविधान लचीला और कठोर दोनों है

भारतीय संविधान की विशेष बात यह है कि ये न तो कठोर है और न ही लचीला है. भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेद ऐसे भी हैं, जिन्हें संसद बिल्कुल साधारण बहुमत से भी बदल सकती है. इसी कारण से भारतीय संविधान को लचीला और नरम संविधान कहा जाता है. वहीं कुछ अनुच्छेद ऐसे हैं जिनमें बदलाव करने हेतु संसद के 2/3 बहुमत तथा भारत के आधे प्रदेशों की सरकार की सहमति जरूर होती है. सरकारों की सहमति से ही कुछ संशोधन किए जाते हैं इसलिए इस संविधान को कठोर संविधान कहा जाता है.

विश्व का सबसे लंबा संविधान

डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है. उन्होंने विश्व का सबसे लंबा संविधान तैयार किया है. यह विश्व के सभी संविधानों को परखने के बाद बनाया गया था. इसे विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है. इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संशोधन शामिल हैं. भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का समय लगा था.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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