केंद्रीय जल आयोग (सीडब्लयूसी) ने विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों और सीडब्लयूसी के बांध पुनर्वास प्रयासों में सहायता हेतु एनआईटी कालीकट और एनआईटी राउरकेला के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने विश्व बैंक की सहायता वाली बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) के जरिए बांध सुरक्षा के क्षेत्रों में क्षमता बढ़ाने के लिए चयनित प्रमुख अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों को बोर्ड में शामिल किया है.
हालांकि इसके तहत संस्थानों के संकायों की जांच प्रयोगशालाएं सुदृढ़ करना, विशलेषणात्मक क्षमताएं बढ़ाना, सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संस्थानों का दौरा करना और बांध स्थलों की सुरक्षा शामिल है.
सीडब्लयूसी ने जनवरी 2017 में आईआईटी मद्रास और आईआईएससी बैंगलूरू के साथ भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे और मंत्रालय इन संस्थानों की जांच और मॉडलिंग क्षमता बढ़ाने हेतु विशेष उपकरण तथा सॉफ्टवेयर खरीद में सहायता करता है.
डीआरआईपी सात राज्यों में 225 बांधों के पुनर्वास में सहायता कर रहा है जिसमें उसे विभिन्न स्तरों पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन बांधों के मालिकों को बांध की स्थिति की जांच करने और पुनर्वास प्रयासों में सहायता के लिए तकनीकी मदद की आवश्यकता है.
भारत सरकार ने बांध सुरक्षा क्षेत्रों में चुने गए प्रमुख अकादमिक संस्थानों की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि वे बांध स्थल पर जाकर सामग्री की जांच कर सके और बांध पुनर्वास प्रयासों में बांध मालिकों को प्रशिक्षण और परामर्श दे सकें.
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