दिल्ली हाईकोर्ट ने 12 अक्टूबर 2021 को राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. वकील सद्र आलम ने राकेश अस्थाना के खिलाफ याचिका दायर करते हुए उनकी नियुक्ति, अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति और सेवा विस्तार को रद्द करने की मांग की थी.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इससे पहले केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस याचिका में राकेश अस्थाना की बतौर दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्ति एवं उनकी नौकरी में एक साल का सेवा विस्तार को चुनौती दी गई थी.
राकेश अस्थाना ने क्या कहा?
हाईकोर्ट इस मामले में लंबे समय से सुनवाई कर रहा था. इससे पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने आरोप लगाया था कि जब से उन्हें सीबीआई का विशेष निदेशक नियुक्त किया गया है तब से कुछ संगठन उन्हें निशाना बना रहे हैं.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर और गुजरात कैडर के आईपीएस राकेश अस्थाना ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर उनकी नियुक्ति को चुनौती कानूनी कार्यवाही का गलत इस्तेमाल है और इसके पीछे बदले की भावना है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा?
इस मौके पर अपनी टिप्पणी में दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि नियुक्ति में कोई अनियमितता, अवैधता या दुर्बलता नहीं है. मुख्य पीठ ने कहा कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति में अपनाई गई प्रक्रिया लगभग एक दशक से अधिक समय से अपनाई जा रही है.
पीठ ने यह भी कहा कि साल 2006 से दिल्ली में आठ पूर्व पुलिस आयुक्तों की नियुक्ति उसी प्रक्रिया के तहत की गई, जिसके तहत अस्थाना की नियुक्ति हुई. उक्त नियुक्तियों पर न तो संघ लोक सेवा आयोग ने कभी भी कोई आपत्ति की और न ही किसी अन्य पक्ष से की गई. अदालत ने स्पष्ट किया कि देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली की विशिष्टता है.
पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति
राकेश अस्थाना को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था. वहीं दिल्ली विधानसभा में अस्थाना की पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ बाकयदा प्रस्ताव पारित किया था और केंद्र सरकार से इस नियुक्ति को वापस लेने को कहा था.
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे क्या कहा?
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था से जुड़ी विविध चुनौतियों के मद्देनजर अस्थाना की नियुक्ति और उनके सेवा कार्यकाल में विस्तार का निर्णय जनहित में लिया गया है. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा था कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में अस्थाना की नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है और उनकी नियुक्ति सभी नियम-कायदों को ध्यान में रखकर की गई है.
राकेश अस्थाना का विवाद: एक नजर में
राकेश अस्थाना का लंबा विवाद पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के साथ भी रहा है. सीबीआई के विशेष निदेशक रहते हुए राकेश अस्थाना ने निदेशक आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसके बाद आलोक वर्मा की ओर से भी राकेश अस्थाना पर घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. दिल्ली विधानसभा में भी प्रस्ताव पास कर दिल्ली कमिश्नर पद से राकेश अस्थाना को हटाने की मांग की गई थी.
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