स्काईरूट एयरोस्पेस ने धवन -1 नामक भारत के पहले निजी तौर पर निर्मित क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन का परीक्षण किया है.
प्रमुख विशेषताएं
- स्काईरूट एयरोस्पेस ने अपने विक्रम-2 प्रक्षेपण यान के उच्च चरण का प्रदर्शन किया है.
- क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन 100 प्रतिशत 3डी प्रिंटेड और 100 प्रतिशत भारत में निर्मित है.
- इसका नाम इसरो के तीसरे अध्यक्ष सतीश धवन के नाम पर रखा गया है. उन्होंने भारत की उन्नत प्रक्षेपण क्षमताओं के विकास का बीड़ा उठाया था.
विक्रम रॉकेट
- विक्रम रॉकेट का नाम अग्रणी विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने भारत में महत्त्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की थी. उन्होंने उन्नत परमाणु अनुसंधान भी किया था.
- यह रॉकेट तरल प्राकृतिक गैस के संयोजन का उपयोग करता है, जो 90 प्रतिशत से अधिक मीथेन है. इस तरल प्राकृतिक गैस का उपयोग तरल ऑक्सीजन के संयोजन में किया जाता है. संयुक्त रूप में, इसे "मेथालॉक्स" कहा जाता है, जो क्रायोजेनिक रॉकेट ईंधन बनाता है.
- यह संयोजन उच्च प्रदर्शन प्रदान करता है और इसकी लागत कम है. यह ईंधन पर्यावरण के अनुकूल है. इसलिए, इस ईंधन का इस्तेमाल स्काईरूट एयरोस्पेस इंजीनियरों द्वारा "भविष्य का ईंधन" के रूप में किया जाता है.
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धवन-1 इंजन
धवन-1 इंजन में लगभग 1.5kN का वैक्यूम थ्रस्ट शामिल है. नागपुर में स्थित सोलर इंडस्ट्रीज में विशेष रूप से निर्मित टेस्टबेड पर इंजन का परीक्षण किया गया था. इंजन विक्रम-2 प्रक्षेपण यान का उच्च चरण है. यह LNG और LOX नामक पर्यावरण के अनुकूल संयोजनों का उपयोग करता है. यह पूरी तरह से 3डी प्रिंटेड है. इस इंजन का नाम सतीश धवन के सम्मान में रखा गया है.
पिक्सल 1 उपग्रह
पिक्सल 1 उपग्रह वर्ष, 2022 में लॉन्च किया जाएगा. यह पृथ्वी की निचली कक्षा में पृथ्वी अवलोकन नक्षत्र-मंडल में पहला निजी उपग्रह होगा.
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