वैज्ञानिकों ने हाल ही में तारों के बीच मौजूद सिगार की तरह नजर आने वाले क्षुद्रग्रह की खोज की. वैज्ञानिकों का कहना है कि अक्टूबर 2017 में हमारे सौरमंडल से होकर गुजरे गहरे, लाल रंग और सिगार के आकार वाले पिण्ड जैसे किसी भी ब्रह्माण्डीय पिण्ड को इससे पहले कभी नहीं देखा गया था. वैज्ञानिकों ने इसे तारों के बीच मौजूद रहने वाले क्षुद्रग्रह की श्रेणी में रखा है.
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अक्टूबर 2017 में एसटीएआरआरएस 1 टेलिस्कोप ने आकाश से गुजरते हुए प्रकाश बिंदु को कैद किया था. आरंभ में यह एक तेज गति से गुजरने वाले छोटे क्षुद्रग्रह की तरह प्रतीत हुआ था, लेकिन बाद में कई दिनों तक गौर करने पर इसके कक्ष का करीब और सही हिसाब मिल पाया.
कक्ष के आकलन से खुलासा हुआ कि यह पिण्ड अन्य क्षुद्रग्रहों और पुच्छलतारों की तरह सौर मंडल के भीतर से नहीं उभरा है बल्कि तारों के बीच से आया है. आरंभ में धूमकेतू के तौर पर इसकी पहचान हुई हालांकि सितंबर 2017 में सूर्य के करीब आने पर किए गए अवलोकनों से पता चला कि इसमें धूमकेतू जैसी किसी भी गतिविधि के इशारा नहीं मिलते हैं.
इस पिण्ड को फिर से वर्गीकृत करते हुए अन्तर ताराकीय क्षुद्रग्रह की श्रेणी में रखा गया और इसे "ओउमुआमुआ" नाम दिया गया. यह पिण्ड एक संदेशवाहक है जिसे हम तक पहुंचने के लिए बहुत पहले भेजा गया था. यह क्षुद्रग्रह 400 मीटर चौड़ा और बहुत लंबा है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अनुपात हमारे सौरमंडल में आज तक दर्ज किए गए किसी भी क्षुद्रग्रह या धूमकेतू के अनुपात से ज्यादा है. वहीं दूसरी ओर खगोलविदों ने तारों के जगह और गति का निर्धारण करते हुए हमारी आकाशगंगा के कुछ सबसे पुराने तारों की खोज की है. मानव की तरह तारों का भी ज़िंदगी चक्र होता है. वह पैदा लेते हैं, जवान होते हैं, बुजुर्ग होते हैं व फिर समाप्त हो जाते हैं.
वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा के सबसे पुराने तारों की खोज की
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