श में नगर निगमों द्वारा म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने के मामले में 94 शहरों में क्रेडिट रेटिंग कराई गई. क्रेडिट रेटिंग में एनडीएमसी, नवी मुंबई और पुणे ने इस मामले में टॉप किया. क्रेडिट रेटिंग अमृत जैसी योजनाओं में केंद्र सरकार से पैसा अनुदान के उद्देश्य से कराई गई.
दिल्ली एनडीएमसी ने देश के दो और शहरों के साथ डबल ए प्लस की रैंकिंग हासिल की है. क्रेडिट रेटिंग संबंधी यह रैंकिंग क्रिसल और इरका जैसी नामी क्रेडिट एजेंसियों ने जांच पड़ताल के बाद जारी की.
मुख्य तथ्य-
- रेटिंग एजेंसियों की दृष्टि में सबसे टॉप की रैंक ट्रिपल ए होती है, यह ट्रिपल ए रैंक देश के 94 में से किसी भी शहर को रैंक नहीं मिल सकी.
- यह रैंक मिलने के बाद अब एनडीएमसी पैसा जुटाने हेतु म्युनिसिपल बॉन्ड भी जारी करने का अधिकारी हो जाएगा.
- इस तरह के बॉन्ड जारी करने हेतु कम से कम ट्रिपल बी की रैंकिंग हासिल करना अनिवार्य होता है.
- केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार 94 में से 55 शहरों की रेटिंग ट्रिपल बी या उससे ऊपर है.
- बाकी 39 शहरों की रेटिंग ट्रिपल बी से भी नीचे है.
क्रेडिट रेटिंग की आवश्यकता-
- केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी और अमृत जैसी योजनाओं में केंद्र सरकार से पैसा अनुदान हेतु यह शर्त रखी थी कि शहरों के नगर निगमों को अपनी क्रेडिट रेटिंग भी हासिल करनी होगी.
- केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को यह आशंका जताई थी कि भारत में नगर निगमों की आर्थिक हालत बेहद खस्ता है, रैंकिंग प्रक्रिया शुरू होने के बाद स्पष्ट होने लगा है कि नगर निगमों की हालत उतनी खराब नहीं है जितना अनुमान किया जा रहा था.
- इसका आशय यह है कि इन 55 शहरों की नगर निगमों की हालत खराब है और उनकी साख इस लायक नहीं पाई गई कि वह म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करके जनता के बीच से पैसा एकत्र कर सकें.
डबल ए प्लस रेटिंग-
- केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार डबल ए प्लस रेटिंग का अर्थ यह है कि इन तीनों ही निगम और नगर पालिका की आर्थिक हालत सुदृढ़ है और यह कॉर्पोरेशन अपनी योजनाओं पर अमल करने हेतु म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करके जनता और विभिन्न आर्थिक संगठनों से पैसा जुटा सकती हैं.
- इन 94 शहरों में से एनडीएमसी के अलावा उत्तर भारत के किसी भी शहर की कॉर्पोरेशन को डबल या फिर डबल ए प्लस की अब तक रेटिंग अब तक नहीं मिल सकी है.
- भारत में अभी चार सौ से ज्यादा शहरों की नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग अभी की जानी है.
- जिसकी आर्थिक स्थिति जितनी अच्छी होती है उसे उतनी ही अच्छी रेटिंग दी जाती है.
- डबल ए प्लस के बाद जिन तीन शहरों की कॉर्पोरेशन को डबल ए की रेटिंग मिली है, उनमें अहमदाबाद, विशाखापट्टनम और हैदराबाद कॉर्पोरेशन शामिल हैं.
बॉन्ड जारी कर रकम जुटा सकेगी एनडीएमसी-
- म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी करने के मामले में देश में क्रेडिट रेटिंग में एनडीएमसी ने देश के दो और शहरों के साथ डबल ए प्लस की रैंकिंग हासिल की.
- इस रैंक के मिलने के बाद एनडीएमसी बॉन्ड जारी कर रकम जुटा सकेगी.
- पैसा जुटाने के लिए एनडीएमसी म्युनिसिपल बॉन्ड भी जारी कर सकती है.
- इस तरह के बॉन्ड जारी करने के लिए कम से कम ट्रिपल बी की रैंकिंग हासिल करना अनिवार्य होता है.
- रैंकिंग में सर्वोच्च आए एनडीएमसी, नवी मुंबई और पुणे तीनों निगम और नगर पालिका अपनी योजनाओं पर अमल करने हेतु म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी करके जनता और विभिन्न आर्थिक संगठनों से पैसा जुटा सकते हैं.
- 94 शहरों में से एनडीएमसी के अलावा उत्तर भारत के किसी भी शहर की कॉरपोरेशन को डबल या फिर डबल ए प्लस की रेटिंग नहीं मिली.
- अभी 400 और शहरों की रेटिंग होनी है.
- क्रेडिट रेटिंग करने वाली एजेंसी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की आर्थिक हालत देखती है और यह भी देखती है कि उस पर कितना कर्ज है या फिर उसके पास किस तरह की सरप्लस मनी है.
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