डीपीआईआईटी ने स्टार्टअप से जुड़ी पहलों के आधार पर राज्यों की रैंकिंग का दूसरा संस्करण लांच किया

Feb 21, 2019, 11:07 IST

रैंकिंग ढांचा 2019 में सात पहलुओं और 30 गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है. इन पहलुओं में संस्थागत सहयोग, नियमों का सरलीकरण, सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया को सरल बनाना एवं जागरूकता फैलाना जैसी चीजें शामिल हैं.

DPIIT launches second edition of States' ranking on Startup initiatives
DPIIT launches second edition of States' ranking on Startup initiatives

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 20 फरवरी 2019 को वर्ष 2019 के लिए स्टार्टअप से जुड़ी पहलों के आधार पर राज्यों की रैंकिंग का दूसरा संस्करण लांच किया. राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग के प्रथम संस्करण में 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया था.

डीआईपीपी ने 20 दिसंबर 2018 को नई दिल्ली में राज्यों की स्टार्ट-अप रैंकिंग 2018 के परिणाम घोषित किये थे. यह अपने तरह की पहली रैंकिंग थी.

इस रूपरेखा के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि वे एक-दूसरे की अच्छी प्रथाओं या तौर-तरीकों की पहचान करें, उनसे सीखें और उन्हें अपने यहां अमल में लाएं.

उद्देश्य:

स्टार्टअप रैंकिंग की रूपरेखा का उद्देश्य स्टार्टअप्स को आवश्यक सहयोग प्रदान करने की सुदृढ़ व्यवस्था करने की दृष्टि से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग करना है. इसका मुख्य मकसद देश में उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहन देना है. योजना के तहत कर अवकाश और पूंजीगत लाभ कर की छूट दी जा रही है.

 

रैंकिंग रूपरेखा (फ्रेमवर्क) 2019:

•   रैंकिंग रूपरेखा (फ्रेमवर्क) 2019 में 7 आधार और 30 कार्य-बिंदु शामिल हैं. इन आधारों के जरिए संस्थागत सहायता, नियम-कायदों को सरल करने, सार्वजनिक खरीद को आसान करने, इन्क्यूबेशन संबंधी सहयोग, प्रारंभिक पूंजी के वित्त पोषण संबंधी सहयोग, उद्यम वित्त पोषण संबंधी सहायता एवं जागरूकता और पहुंच संबंधी गतिविधियों के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए प्रयासों का आकलन किया जाता है.

   रैंकिंग से जुड़ी इस कवायद का उद्देश्य 1 मई 2018 से लेकर 30 जून 2019 तक की आकलन अवधि के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जाने वाले उपायों का आकलन करना है.

   डीपीआईआईटी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ सलाह-मशविरा के अनेक दौर पूरे करने के बाद यह रूपरेखा तैयार की है.

   स्टार्टअप से जुड़े परिवेश के लिए स्टार्टअप्स और अन्य महत्वपूर्ण हितधारको से आवश्यक जानकारियां प्राप्त करने पर विशेष जोर देने से यह रूपरेखा पिछले वर्ष की तुलना में स्पष्ट रूप से काफी विकसित हो गई है.

   डीपीआईआईटी ने रैंकिंग रूपरेखा के 7 आधारों से जुड़े उल्लेखनीय प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मान्यता प्रदान करने का भी प्रस्ताव किया है.

   रैंकिंग 2019 कवायद के एक हिस्से के रूप में डीपीआईआईटी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के अभिनव स्टार्टअप कार्यक्रमों और पहलों को मान्यता प्रदान करेगा.

हाल ही में, केंद्र सरकार ने औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) का नाम बदलकर उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) कर दिया है. साथ ही उसे अन्य कामों के साथ स्टार्टअप से जुड़े मुद्दों और कारोबार सुगमता सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी दी गई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाला डीपीआईआईटी आंतरिक व्यापार के संवर्द्धन से जुड़े मुद्दों को देखेगा. व्यापारियों और उनके कर्मचारियों के कल्याण की जिम्मेदारी उसके पास होगी. साथ ही कारोबार सुगमता सुनिश्चित करने और स्टार्टअप से जुड़े मुद्दों को भी उसे देखना होगा. इससे पहले आंतरिक व्यापार को उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय देखता था.

 

स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन:

इस रैंकिंग से राज्यों को स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने में मदद मिलेगी. इस रैंकिंग का आधार राज्यों द्वारा स्टार्ट-अप के लिए अनुकूल तंत्र विकसित करने के लिए किए गए प्रयास है.

पृष्ठभूमि:

वर्ष 2018 में रैंकिंग रूपरेखा को लांच किए जाने से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश इस दिशा में तेजी से प्रयासरत हो गए जिससे देश में स्टार्टअप से जुड़े अभियान को काफी बढ़ावा मिला. अब तक 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी-अपनी विशिष्ट स्टार्टअप नीतियों की शुरुआत कर दी है, ताकि उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले स्टार्टअप्स को विशेष प्रोत्साहन मिल सके.

स्टार्टअप रैंकिंग 2019 से देश में स्टार्टअप से जुड़े परिवेश को बेहतर करने तथा ‘भारत के एक स्टार्टअप राष्ट्र के रूप में उभरने’ के विजन को काफी बढ़ावा मिलने की आशा है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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