वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा 7 जनवरी 2025 को जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, डॉ. नारायणन 14 जनवरी 2025 को मौजूदा अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ का स्थान ग्रहण करेंगे.
यह नियुक्ति इसरो के लिए एक नई दिशा का संकेत है, जिसमें डॉ. नारायणन अपने चार दशकों के अनुभव और वैज्ञानिक दृष्टि से ISRO को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
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डॉ. वी. नारायणन के बारे में:
डॉ. वी. नारायणन एक वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने आईआईटी खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एमटेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की है. वर्तमान में LPSC के निदेशक, डॉ. नारायणन ने GSLV Mk III, चंद्रयान मिशन, और SpaDex जैसी परियोजनाओं का नेतृत्व किया है.
आईआईटी खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एमटेक.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी.
इसरो के साथ सफर:
डॉ. वी. नारायणन का इसरो के साथ चार दशकों से अधिक का सफर प्रेरणादायक है. उन्होंने रॉकेट प्रोपल्शन, क्रायोजेनिक तकनीक, और मिशन जैसे चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 में महत्वपूर्ण योगदान दिया. वर्तमान में LPSC के निदेशक के रूप में कार्यरत, उन्होंने GSLV Mk III और SpaDex जैसी परियोजनाओं का नेतृत्व किया, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता का आधार हैं.
वर्तमान में कहां कर रहे काम:
डॉ. वी. नारायणन वर्तमान में इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक हैं, जो वलियामला, केरल में स्थित है. LPSC रॉकेट और सैटेलाइट के लिए उन्नत प्रोपल्शन सिस्टम के विकास का केंद्र है. डॉ. नारायणन यहां भारत के प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों के लिए प्रोपल्शन तकनीक को नेतृत्व और नवाचार प्रदान कर रहे हैं.
महत्वपूर्ण योगदान:
- क्रायोजेनिक प्रोपल्शन में नेतृत्व: डॉ. नारायणन ने C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया, जो GSLV Mk III के लिए बेहद अहम है. यह भारत के भारी उपग्रह प्रक्षेपण और मिशनों जैसे चंद्रयान और गगनयान के लिए मील का पत्थर है.
- लॉन्च व्हीकल विकास: उन्होंने पीएसएलवी (PSLV) जैसे लॉन्च व्हीकल्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की रीढ़ हैं.
- मिशन योगदान: उन्होंने चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे महत्वपूर्ण मिशनों के प्रोपल्शन सिस्टम्स पर काम किया, जो गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की सफलता का उदाहरण हैं.
पुरस्कार और सम्मान:
डॉ. नारायणन के वैज्ञानिक योगदानों को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है:
- सिल्वर मेडल, आईआईटी खड़गपुर: क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए.
- गोल्ड मेडल, एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI): अंतरिक्ष प्रोपल्शन के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए.
- नेशनल डिज़ाइन अवार्ड, NDRF: एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में नवाचार के लिए.
डॉ. वी. नारायणन के नेतृत्व में, इसरो एक नए युग में प्रवेश करने को तैयार है, जहां वैज्ञानिक उत्कृष्टता और अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत करेगा.
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V Narayanan appointed new Chairman of Indian Space Research Organisation and Secretary, Department of Space. #ISRO pic.twitter.com/uGEc7pi7XN
— All India Radio News (@airnewsalerts) January 8, 2025
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