रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 22 सितम्बर 2020 को स्वदेशी हाई-स्पीड टार्गेट ड्रोन अभ्यास (ABHYAS) का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ की तरफ से अभ्यास का फ्लाइट टेस्ट किया गया. इस दौरान इसे विभिन्न प्रकार के रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिक सिस्टम से ट्रैक किया गया.
अभ्यास हाई-स्पीड ड्रोन है जिसे हथियार प्रणालियों के अभ्यास के दौरान मिसाइलों द्वारा टार्गेट किया जा सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डीआरडीओ ने ओडिशा के बालासोर में इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से अभ्यास- हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट के सफल उड़ान परीक्षण किया, जो मील का पत्थर हासिल होगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को इस सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि इसका उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है.
Successful flight test of ABHYAS - High Speed Expendable Aerial Targethttps://t.co/xu1KkUexI6
— DRDO (@DRDO_India) September 22, 2020
मुख्य बिंदु
• यह परीक्षण ओडिशा के बालासोर टेस्ट रेंज में किया गया. परीक्षण में विभिन्न रडारों और इलेक्ट्रो ऑप्टिक प्रणाली के जरिये इसकी निगरानी की गई.
• अभ्यास के टेस्ट को कई रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिक सिस्टम की मदद से चेक किया गया.
• अभ्यास एक छोटे गैस टरबाइन इंजन पर काम करता है और यह एमईएमएस नेविगेशन सिस्टम पर काम करता है.
• डीआरडीओ के अनुसार यह एक बेहतरीन एयरक्राफ्ट है,जो नवीन तकनीक का उदाहरण है और देश की रक्षा प्रणाली को मजबूती देगा.
• इसका उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है.
• परीक्षण के दौरान यान ने पांच किलोमीटर उड़ान ऊंचाई, 0.05 मैक की गति आदि जरूरतों को सफलतापूर्वक हासिल किया.
अभ्यास कैसे काम करता है?
अभ्यास को उड़ान भरने के लिए किसी बाहरी चीज के मदद की आवश्यकता नहीं होती है. इस प्रणाली को सिमुलेशन के अनुसार प्रदर्शित किया गया है और लागत को ध्यान में रखते हुए मिशन की जरूरत को पूरा करने के लिए अभ्यास की क्षमता को दिखाया गया है. अभ्यास ड्रोन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ऑटोपायलट की मदद से अपने टारगेट पर आसानी से निशाना लगा सकता है.
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