निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार को 1 फरवरी 2017 को केन्द्रीय बजट पेश करने की अनुमति दे दी है.
निर्वाचन आयोग ने कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा को कहा कि चुनाव वाले राज्यों के लिए किसी योजना की घोषणा नहीं की जा सकती. वित्त मंत्री अरुण जेटली के भाषण में इन राज्यों में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र नहीं होना चाहिए.
आयोग ने सरकार को वर्ष 2009 की एक एडवाइजरी की भी याद दिलाई जिसमें कहा गया था कि परंपरा के मुताबिक चुनावों से पहले पूर्ण बजट के बजाय लेखानुदान पेश किया जाता है.
उत्तराखण्ड , उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और गोआ में 4 फरवरी 2017 एवं 8 मार्च 2017 के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं.
विपक्षी दलों ने राष्ट्र पति एवं निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव से पहले केन्द्रीय बजट पेश करने पर आपत्ति उठाते हुए मांग की थी कि केंद्र सरकार से कहा जाए कि वह बजट बाद में पेश करे.
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने भी विधानसभा चुनाव से पहले केन्द्रीय बजट पेश नहीं करने संबंधी एक याचिका खारिज कर दी.
न्यायालय ने संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुये कहा कि संविधान में केन्द्र, राज्य तथा समवर्ती विषयों का स्पष्ट विभाजन है.
बजट पेश करना राज्यों के चुनाव, जो होते ही रहते हैं इसपर निर्भर नहीं है.
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी 2017 को शुरू होगा और बजट अगले दिन 1 फरवरी 2017 को पेश किया जाएगा.

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