केंद्र सरकार ने प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन हेतु जागरूकता शुभंकर 'प्रकृति' और हरित पहल को लॉन्च किया

Apr 6, 2022, 11:30 IST

प्लास्टिक सबसे अधिक ज्वलंत पर्यावरणीय समस्याओं में से एक बन गया है. भारत सालाना लगभग 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है और प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन पिछले पांच सालों में लगभग दोगुना हो गया है. 

Plastic Waste Management
Plastic Waste Management

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 05 अप्रैल 2022 को प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जागरूकता शुभंकर 'प्रकृति' और हरित पहल को लॉन्च किया. प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) को समाप्त करने की भारत के संकल्प की घोषणा की.

प्लास्टिक सबसे अधिक ज्वलंत पर्यावरणीय समस्याओं में से एक बन गया है. भारत सालाना लगभग 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है और प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन पिछले पांच सालों में लगभग दोगुना हो गया है. प्लास्टिक प्रदूषण हमारे इको-सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है तथा वायु प्रदूषण से भी जुड़ा हुआ है.

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने क्या कहा?

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सभी से प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने के प्रयासों में शामिल होने और बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने का आग्रह किया. उन्होंने भारत के युवाओं की अपार प्रतिभा एवं क्षमता को उजागर करते हुए इंडिया प्लास्टिक चैलेंज-हैकाथॉन 2021 में स्टार्ट-अप उद्यमियों और छात्रों द्वारा विकसित किए गए अभिनव समाधानों की सराहना की.

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन हेतु निम्न हरित पहल शुरू

•    एकल उपयोग प्लास्टिक के उन्मूलन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय) पर राष्ट्रीय डैशबोर्ड के माध्यम से एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) के उन्मूलन और प्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन में प्रगति को ट्रैक करने हेतु केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों सहित सभी हितधारकों को एक साथ लाना है.

•    नागरिकों को अपने क्षेत्र में एसयूपी की बिक्री/उपयोग/विनिर्माण की जांच करने एवं प्लास्टिक के खतरे से निपटने हेतु सशक्त बनाने के लिए एकल उपयोग प्लास्टिक शिकायत निवारण (सीपीसीबी) के लिए मोबाइल ऐप लाना है.

•    जिला स्तर पर वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में एसयूपी उत्पादन/बिक्री एवं उपयोग के विवरण की सूची बनाने और एसयूपी पर प्रतिबंध को लागू करने को लेकर स्थानीय निकायों, एसपीसीबी/पीसीसी तथा सीपीसीबी के लिए एसयूपी (सीपीसीबी) के लिए निगरानी मॉड्यूल है.

•    उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड-मालिकों द्वारा ईपीआर दायित्वों के अनुपालन में आसानी की रिपोर्ट करने की सुविधा को लेकर प्लास्टिक पैकेजिंग हेतु जवाबदेही, पता लगाने योग्यता, पारदर्शिता में सुधार लाने के क्रम में विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) पोर्टल (सीपीसीबी) है.

•    प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल करने के उद्देश्य से आगे आने हेतु और भी अधिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट प्लास्टिक (जीबी पंत एनआईएचई और एनआरडीसी) से ग्राफीन का औद्योगिक उत्पादन है.

बता दें कि इस आयोजन में इंडिया प्लास्टिक चैलेंज-हैकाथॉन 2021 के विजेताओं का भी अभिनंदन किया गया. प्लास्टिक अपशिष्ट शमन और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उन्मूलन हेतु उनके अभिनव विचारों और डिजिटल समाधानों के लिए तीन स्टार्ट-अप/उद्यमी श्रेणी और उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों की चार टीमों को क्रमशः 5 लाख रुपये तथा 1 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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