नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) ने गुजरात में सरदार सरोवर बांध (एसएसडी) की ऊंचाई बढ़ाने के प्रस्ता्व का अनुमोदन कर दिया है, जिसके अनुसार बांध के प्रवेश द्वारों की ऊंचाई घटाते हुए और जलाशय में और पानी डाल कर इसे पूर्ण जलाशय स्तर यानी 138.68 मीटर ईएल तक ऊंचा उठाया जायेगा.
डॉ अमरजीत सिंह, सचिव (जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुथान मंत्रालय) की अध्याक्षता में हुई एनसीए की बैठक में सभी पर्यावरण, पुनर्वास एवं पुनर्स्थारपन संबंधी मुद्दों पर विचार किया गया.
12 जून 2014 एसएसडी की ऊंचाई बढ़ाने की मंजूरी दी गई थी, जिसमें प्रथम चरण के दौरान खंभों के निर्माण, ओवरहेड ब्रिज और प्रवेश द्वारों की संस्थापना की अनुमति दी गई थी. उस समय एसएसडी की प्रभावी ऊंचाई 121.92 मीटर ईएल रखी गई थी जिसमें बांध स्थल पर बैक वाटर लेवल 134.32 मीटर ईएल रखा गया था.
एसएसडी के प्रवेश द्वारों को नीचा रखने से बांध की लाइव स्टोरेज क्षमता 1565 एमसीएम से बढ़कर 5740 एमसीएम हो जाएगी. यानी इसमें 4175 एमसीएम (267 प्रतिशत) बढ़ोतरी होगी.
इससे स्वच्छ जल विद्युत उत्पादन वर्तमान 1300 मेगावाट से बढ़कर 1450 मेगावाट हो जाएगा, जिसमें हर वर्ष करीब 1100 मिलियन यूनिट (यानी करीब रुपये 400/करोड़ वार्षिक) की वृद्धि होगी.
इसके अलावा, इस अतिरिक्त जलभंडार से करीब 8 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई हो सकेगी. साथ ही करीब एक करोड़ आबादी को सुनिश्चित जलापूर्ति हो सकेगी. यह सर्वविदित है कि सरदार सरोवर परियोजना से गुजरात और राजस्थान वाले सूखे की आशंका वाले और रेगिस्तानी क्षेत्रों की पानी की आवश्यकता की मुख्य रूप से आपूर्ति होगी.
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