Indian Air Force ने पंजाब में तैनात किया पहला S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, जानें इसकी खासियत

Dec 21, 2021, 13:15 IST

S-400 वायु रक्षा प्रणाली को भारत द्वारा लगभग 35,000 करोड़ रुपये के सौदे में कांट्रेक्ट किया गया था और साथ ही 400 किमी तक हवाई खतरों से निपटने हेतु भारत को पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे.

First Squadron of S-400 Deployed in Punjab Sector
First Squadron of S-400 Deployed in Punjab Sector

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) देश की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सेक्टर में S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का पहला स्क्वाड्रन तैनात की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब सेक्टर में पहली खेप की तैनाती की जा रही है. यह पाकिस्तान और चीन दोनों के हवाई हमलों से देश को बचाने में सक्षम है.

रूसी मिसाइल प्रणाली के हिस्से इस महीने की शुरुआत में भारत पहुंचने लगे थे और अगले कुछ हफ्तों में इस इकाई के चालू होने की उम्मीद है. वायु रक्षा प्रणाली की तैनाती से भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के आने के बाद देश की सुरक्षा अभेद्य हो रही है.

हवाई हमलों से देश को बचाने में सक्षम

S-400 वायु रक्षा प्रणाली को भारत द्वारा लगभग 35,000 करोड़ रुपये के सौदे में कांट्रेक्ट किया गया था और साथ ही 400 किमी तक हवाई खतरों से निपटने हेतु भारत को पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे. पहली स्क्वाड्रन डिलीवरी इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है. यह पाकिस्तान और चीन दोनों के हवाई हमलों से देश को बचाने में सक्षम है.

इस साल के अंत तक डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद

इस साल के अंत तक पहले स्क्वाड्रन से संबंधित डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है. यह उपकरण रूस से समुद्री और हवाई मार्ग से भारत लाया जाएगा. पहले स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद वायुसेना देश के भीतर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पूर्वी सीमाओं पर ध्यान देना शुरू कर देगी.

क्रूज मिसाइलों को बाहर निकालने में सक्षम

भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और कर्मियों ने इस प्रणाली पर रूस में प्रशिक्षण लिया है. वायु रक्षा प्रणाली भारत को दक्षिण एशियाई आसमान में मजबूती देगी क्योंकि वे 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को बाहर निकालने में सक्षम होंगे.

 S-400 मिसाइल की खासियत

 • S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और एडब्ल्यूएएस विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है.

• एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम (S-400 Air Defence Missile System) हथियार नहीं महाकवच है. इसके सामने बड़े से बड़ा दुश्मन कांपने लगता है.

• एस-400 मिसाइल सिस्टम को दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइल प्रणाली माना जाता है. पाकिस्तान और चीन भारत के लिए हमेशा से चुनौती रहे हैं. शक्ति का संतुलन बनाए रखने के लिए ऐसी मिसाइल प्रणाली की देश को जरूरत थी.

• S-400 एक बार में एक साथ 72 मिसाइल छोड़ सकती है. इसके सबसे खास बात ये है कि इस एयर डिफेंस सिस्टम को कहीं मूव करना बहुत आसान है क्योंकि इसे 8X8 के ट्रक पर माउंट किया जा सकता है.

• एस-400 मिसाइल सिस्टम में चार तरह की मिसाइलें होती हैं जिनकी रेंज 40, 100, 200, और 400 किलोमीटर तक होती है. यह सिस्टम 100 से लेकर 40 हजार फीट तक उड़ने वाले हर टारगेट को पहचान कर नष्ट कर सकता है.

• एस-400 मिसाइल सिस्टम का रडार बहुत अत्याधुनिक और ताकतवर है. ये मिसाइल जमीन से हवा में मार करती है, जिससे भारत की मारक क्षमता और मजबूत हो जाएगी.

• S-400 में सुपरसोनिक और हाइपर सोनिक मिसाइलें होती हैं, जो टारगेट को भेदने में माहिर हैं. S-400 को दुनिया के सबसे आधुनिक हथियारों में गिना जाता है.

• ये मिसाइल दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन, मिसाइलों और यहां तक कि छिपे हुए विमानों को भी मारने में सक्षम है. इसकी मदद से रडार में पकड़ में न आने वाले विमानों को भी मार गिराया जा सकता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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