विश्वभर में 04 जनवरी 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय ब्रेल दिवस मनाया गया. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस के लिए 06 नवम्बर 2018 को प्रस्ताव पारित किया था. आज ही के दिन ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुइस ब्रेल का जन्म दिवस है इसलिए 04 जनवरी को ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया गया.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व भर में लगभग 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई न कोई दृष्टि विकार है. विश्व ब्रेल दिवस का उद्देश्य दृष्टि-बाधित लोगों के अधिकार उन्हें प्रदान करना तथा ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है.
ब्रेल लिपि क्या होती है?
ब्रेल एक लेखन पद्धति है, जो नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए सृजित की गई थी. ब्रेल एक स्पर्शनीय लेखन प्रणाली है. इसे एक विशेष प्रकार के उभरे कागज़ पर लिखा जाता है. इसकी संरचना फ्रांसीसी नेत्रहीन शिक्षक व आविष्कारक लुइस ब्रेल ने की थी. इन्हीं के नाम पर इस पद्धति का नाम रखा गया है.
ब्रेल में उभरे हुए बिंदु होते हैं जिन्हें ‘सेल’ के नाम से जाना जाता है. कुछ बिन्दुओं पर छोटे उभार होते हैं. इन्हीं दोनों की व्यवस्था और संख्या से भिन्न चरित्रों की विशिष्टता तय की जाती है. ब्रेल की मैपिंग हर भाषा में अलग हो सकती है. एक भाषा में भी ब्रेल की कोडिंग के अलग-अलग स्तर की हो सकती है.
ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल
लुइस ब्रेल का जन्म 04 जनवरी 1809 को फ्रांस के कूपवर में हुआ था. उन्हें दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार करने के लिए जाना जाता है. बचपन में एक दुर्घटना के कारण लुइस ब्रेल ने अपनी दोनों आँखों की रोशनी खो दी थी. वर्ष 1821 में ब्रेल को फ़्रांसिसी सेना के चार्ल्स बार्बिएर के सैन्य संचार के प्रणाली के बारे में ज्ञात हुआ, इस प्रणाली में भी डॉट्स का उपयोग किया जाता था परन्तु चार्ल्स का यह कोड काफी जटिल था. इसके बाद लुइस ने अपनी लिपि पर कार्य शुरू किया. वर्ष 1824 तक लुइस ब्रेल ने अपनी लिपि को लगभग तैयार कर लिया था, उस समय वे 15 वर्ष के थे. उनके द्वारा बनाई गई लिपि बेहद सरल मानी जाती है.
Latest Stories
यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!
Comments
All Comments (0)
Join the conversation