गोवा में आयोजित 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में पांच भारतीय फिल्मों का आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल पुरस्कार में प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया.
शांति, सौहार्द और एकता के संदेश को कारगर तरीके से पेश करने की खिताब जीतने वाली फिल्म का मुकाबला हिन्दी, मराठी, अंग्रेजी, फ्रेंच सहित कई भाषाओं की फिल्मों से होगा.
टेलीविज़न तथा ऑडियो-वीडियो कम्युनिकेशन की अंतरराष्ट्रीय परिषद (आईसीएफटी) द्वारा आईएफएफआई के साथ मिलकर विशेष आईसीएफटी पुरस्कार के तहत यूनेस्को के विचारों को प्रस्तुत करने वाली फिल्म को “आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल” से सम्मानित किया जाएगा.
मुख्य बिंदु
• प्रतियोगिता के लिए चुनी गयी भारतीय फिल्मों में क्षितिज - ए होराइजन (मराठी), मनुसंगदा (तमिल) पूर्ण (हिन्दी), रेलवे चिल्ड्रेन (कन्नड़) तथा टेक ऑफ (मलयालम) शामिल हैं.
• आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल प्रतिस्पर्धा में विश्व की अन्य फिल्मों में अमोक (पोलिस), खिबुला ( जॉर्जिया, जर्मनी, फ्रैंक),दी लेटेस्ट पेंटिंग (ताइवान) तथा वुमेन ऑफ द वीपिंग रिवर (इंगलिश, स्पेनिश) भी शामिल हैं.
• ‘इन द मिस्ट ऑफ डार्कनेस लाइट प्रिवेल्स’ नाम से फ्रांस के कलाकार पेरिर-यवेस ट्रेमोइस ने सन्देश देते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चित्र बनाया है.
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• यह प्रतिष्ठित पुरस्कार महात्मा गांधी के शांति तथा सहनशीलता के विचारों को व्यक्त करने वाली सर्वश्रेष्ठ फिल्म को दिया जाता है.
• वर्ष 2017 के पुरस्कार की घोषणा कार्यक्रम के अंतिम दिन 28 नवंबर को की जायेगी.
• वर्ष 2016 में यह पुरस्कार फिल्म - कोल्ड ऑफ़ कलंदर को दिया गया था.
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