वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी. के. जाफर शरीफ का दिल का दौरा पड़ने से 25 नवम्बर 2018 को बेंगलुरु के एक स्थानीय अस्पताल में निधन हो गया. वे 85 साल के थे. वे पिछले कुछ वर्षों से बीमार चल रहे थे और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
सी.के. जाफर शरीफ जुमे की नमाज के वास्ते जाने के लिए अपनी कार में सवार होने के दौरान गिर गए थे. इसके बाद उन्हें बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शरीफ के परिवार के सूत्रों ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे.
भ्रष्टाचार का आरोप:
वर्ष 1995 जाफर शरीफ पर रेल मंत्री के रूप में अपनी यात्रा के दौरान सरकारी कर्मचारियों को साथ लंदन ले जाने को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. सरकार को इससे सात लाख रुपए का नुकसान हुआ, लेकिन नवंबर 2012 में उनके खिलाफ इस मामले को खारिज कर दिया गया था.
चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज जाफर शरीफ:
पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज जाफर शरीफ ने कांग्रेस छोड़ दी थी. उन्हें वर्ष 2014 में टिकट न देकर युवा कांग्रेस अध्यक्ष रिजवान अरशद को बेंगलुरु दक्षिण से चुनाव लड़ाया गया था.
सी.के. जाफर शरीफ के बारे में:
• सी.के. जाफर शरीफ का जन्म 3 नवंबर 1933 को चित्रदुर्ग के चल्लाकेरे में हुआ था. उनका राजनीतिक करियर लगभग 50 साल का रहा.
• कर्नाटक में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे जाफर शरीफ इंदिरा गांधी के समय से राजनीति में सक्रिय थे.
• बेंगलुरू उत्तर और बेंगलुरू ग्रामीण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से सासंद रहे शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वर्ष 1991 से वर्ष 1995 तक रेलवे मंत्री थे. उनके रेल मंत्री रहने के दौरान ही यूनिगेज प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी.
• शरीफ बेंगलूर उत्तरी सीट से सात बार लोकसभा सदस्य चुने गए थे. उनकी गिनती इंदिरा गांधी के विश्वासपात्र नेताओं में होती थी.
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