Foundational literacy index: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय द्वारा आधारभूत साक्षरता सूचकांक (Foundational literacy index) 16 दिसंबर, 2021 को जारी किया गया. अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने कहा कि सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने की चुनौती कठिन है, फिर भी इसे हासिल करना असंभव नहीं है.
देश में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता दर (literacy index) की सूची में बड़े राज्यों की श्रेणी में पश्चिम बंगाल सबसे ऊपर है. इस सूची में कमजोर प्रदर्शन करके बिहार सबसे नीचे रहा है. यह जानकारी इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस' की 'आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक' पर किये अध्ययन में सामने आई है. यह 10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता का एक संकेतक है.
छोटे राज्यों की श्रेणी में केरल शीर्ष स्थान
इस रिपोर्ट के मुताबिक छोटे राज्यों की श्रेणी में केरल ने शीर्ष स्थान हासिल किया है जबकि झारखंड सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य रहा है. आपको बता दें कि जिन चार श्रेणियों में क्षेत्रों को विभाजित किया गया है वह बड़े राज्य, छोटे राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर हैं.
बड़े राज्यों का प्रदर्शन कैसा रहा
| राज्य | स्कोर | रैंक |
| पश्चिम बंगाल | 59 | 1 |
| तमिलनाडु | 55 | 2 |
| महाराष्ट्र | 53 | 3 |
| कर्नाटक | 50 | 4 |
| गुजरात | 50 | 5 |
| राजस्थान | 47 | 6 |
| मध्य प्रदेश | 39 | 7 |
| उत्तर प्रदेश | 38 | 8 |
| बिहार | 37 | 9 |
पूर्वोत्तर राज्य श्रेणी में शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र
आर्थिक सलाहकार परिषद की तरफ से कहा गया कि शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र क्रमशः केरल (67.95) और पश्चिम बंगाल (58.95) क्रमश: छोटे और बड़े राज्यों में हैं. लक्षद्वीप (52.69) और मिजोरम (51.64) क्रमशः केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्य श्रेणी में शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र हैं.
सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र
सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में सबसे नीचे है, जबकि अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर श्रेणी में सबसे आखिरी पायदान पर है. बयान के मुताबिक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दस साल से कम उम्र के बच्चों में मूलभूत शिक्षा की समग्र स्थिति की समझ स्थापित करते हुए आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक इस दिशा में पहला कदम है.
छोटे राज्यों का प्रदर्शन कैसा रहा
| राज्य | स्कोर | रैंक |
| केरल | 68 | 1 |
| हिमाचल प्रदेश | 57 | 2 |
| पंजाब | 56 | 3 |
| उत्तराखंड | 56 | 4 |
| हरियाणा | 53 | 5 |
| गोवा | 51 | 6 |
| छत्तीसगढ़ | 50 | 7 |
| आंध्र प्रदेश | 50 | 8 |
| तेलंगाना | 46 | 9 |
| ओडिशा | 46 | 10 |
| झारखंड | 45 | 11 |
इस रिपोर्ट को बनाने में किस बात पर ध्यान दिया गया
इस रिपोर्ट को बनाने के लिए जिन मसलों पर ध्यान केंद्रित किया है वे शैक्षिक बुनियादी ढांचा, शिक्षा तक पहुंच, बुनियादी स्वास्थ्य, सीखने के परिणाम और शासन हैं. बयान में कहा गया है कि पांच स्तंभों में से यह देखा गया है कि राज्यों ने शासन में विशेष रूप से खराब प्रदर्शन किया है. बयान के अनुसार, ‘राज्यों में 50 फीसदी से अधिक ने राष्ट्रीय औसत यानी 28.05 से नीचे अंक हासिल किए हैं.
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