जर्मनी के पूर्व विदेश मंत्री फ्रैंक वॉल्टर स्टाइनमायर को 12 फरवरी 2017 को जर्मनी का राष्ट्रपति चयनित किया गया. वे 18 मार्च को जर्मनी के 12वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे.
फ्रैंक वॉल्टर स्टाइनमायर 77 वर्षीय जोचिम गॉक का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 17 मार्च को समाप्त हो रहा है.
फ्रैंक वॉल्टर स्टाइनमायर (61 वर्ष) को जर्मनी का सबसे लोकप्रिय नेता माना जाता है. इसके अतिरिक्त उन्हें डोनाल्ड ट्रम्प का विरोधी भी माना जाता है. उन्होंने ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने पर कहा था कि अब द्विपक्षीय संबंध मुश्किल दौर में पहुंचने वाले हैं.
जर्मनी राष्ट्रपति चुनावों में फ्रैंक वॉल्टर के अतिरिक्त 4 अन्य उम्मीदवार भी चुनावी दौड़ में शामिल थे. इन उम्मीदवारों में लेफ्टिस्ट एएफडी, लेफ्ट पार्टी डी लिंके, पाइरेट्स और फ्री वोटर्स के उम्मीदवार शामिल थे.
फ्रैंक वॉल्टर सीडीयू, सीएसयू और एसपीडी के साझे उम्मीदवार थे इसलिए उनकी स्थिति आरंभ से ही मजबूत मानी जा रही थी. स्टाइनमायर को कुल 1239 मतों में से 931 वोट मिले.
फ्रैंक वॉल्टर स्टाइनमायर
स्टाइनमायर जर्मनी की सबसे मजबूत पार्टी मानी जाती एसपीडी के वरिष्ठ नेता हैं. वे जर्मनी के लिए दो बार विदेश मंत्री निर्वाचित हुए. पहले वे एंजेला मर्केल के साथ 2005 से 2009 तथा उसके बाद 2013 से 2017 तक इस पद पर रहे.
विदेश मंत्री पद पर निर्वाचित किये जाने से पूर्व वे चांसलर कार्यालय के मंत्री थे. उन्हें श्रम क्षेत्र में किये जाने वाले सुधारों को लागू करने के लिए विशेष सराहना दी जाती है.
जर्मन राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया
जर्मनी में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है जिसमें जनता सीधे राष्ट्रपति को चयनित नहीं कर सकती. राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 1260 सदस्यों का एक निर्वाचिक मंडल बनाया जाता है जिसमें पार्लियामेंट के निचले सदन बुंडेसटाग के 630 सदस्य शामिल होते हैं तथा 16 प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों के विधायक अपने प्रतिनिधियों द्वारा मत देते हैं. इस चुनावी प्रक्रिया में कुछ चुनिंदा नागरिकों को भी निर्वाचक मंडल में शामिल किया जाता है.
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