Garuda Aerospace: स्वदेशी रूप से निर्मित देश के पहले 'किसान ड्रोन' को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने टाइप सर्टिफिकेशन और RPTO (रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) दोनों की मंजूरी दे दी है. इस किसान ड्रोन का निर्माण भारत की प्रमुख ड्रोन निर्माता गरुड़ एयरोस्पेस ने किया है.
गरुड़ एयरोस्पेस देश की पहली ड्रोन कंपनी बन गयी है जिसने DGCA से टाइप सर्टिफिकेशन और पायलट ट्रेनिंग के लिए अप्रूवल प्राप्त किया है.
इस अप्रूवल के बारें में बात करते हुए गरुड़ एयरोस्पेस के फाउंडर और सीईओ, अग्निश्वर जयप्रकाश ने कहा कि DGCA द्वारा टाइप और RPTO का दोहरा सर्टिफिकेशन मेड इन इंडिया ड्रोन निर्माण क्षमताओं को आगे बढाने में काफी मदद करेगा.
New achievement unlocked!
— Garuda Aerospace Pvt Ltd (@garuda_india) December 24, 2022
We've created history by becoming India’s 1st drone company to receive Both Type Certification and RPTO approvals by DGCA for our indigenously designed Kisan Drones on the auspicious occasion of Kisan Diwas. #DroneTech #KisanDrones #KisanDiwas2022 pic.twitter.com/dBHbQ3r19S
DGCA सर्टिफिकेशन, हाइलाइट्स:
DGCA का टाइप सर्टिफिकेशन, ड्रोन की क्वालिटी चेक के आधार पर दिया जाता है और यह यूएवी (UAVs) के लिए एक हार्ड टेस्टिंग प्रोसेस के बाद दिया जाता है.
इस टाइप सर्टिफिकेट के अप्रूवल के बाद से गरुड़ एयरोस्पेस एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से 5% रेट पर और भारत सरकार से 50-100% सब्सिडी पर 10 लाख रुपये के असुरक्षित ऋण के लिए पात्र हो गया है.
4.50 लाख रुपये की कीमत वाले ये किसान ड्रोन भारत के सबसे सस्ते एडवांस्ड ऑटोमेटेड एग्री ड्रोन हैं जिन्हें 25 किलोग्राम से कम की कैटेगरी के लिए DGCA टाइप सर्टिफिकेशन मिला है.
स्टार्टअप गरुड़ एयरोस्पेस को यह दोहरा सर्टिफिकेशन हासिल हुआ है, जो अपने आप में ऐतिहासिक है साथ ही गरुड़ एयरोस्पेस भारत का सबसे मूल्यवान ड्रोन स्टार्टअप बन गया है.
DGCA टाइप सर्टिफिकेशन जी शुरुआत भारत सरकार ने अगस्त 2021 में शुरू की थी.
RPTO सर्टिफिकेशन:
DGCA के अनुसार, RPTO सर्टिफिकेशन उन ऑर्गेनाइजेशन को प्रदान किया जाता है जो ड्रोन नियम 2021 के रूल 34 के तहत दूरस्थ पायलट प्रमाणपत्र की मांग करने वाले किसी भी व्यक्ति को रिमोट पायलट ट्रेनिंग प्रदान करता है.
DGCA टाइप सर्टिफिकेशन का महत्व:
इस सर्टिफिकेशन के बाद, KVK, ICAR, FMTTI, एग्रीकल्चरल मिनिस्ट्री सहित कई अन्य सरकारी कृषि निकायों के पास अब गरुड़ एयरोस्पेस द्वारा निर्मित हाई टेक्नोलॉजी वाले भारत में निर्मित ड्रोन खरीदने का का रास्ता खुल गया है.
इन किसान ड्रोन की मदद से भारत के किसानों और कृषि-उद्यमियों को काफी मदद मिलेगी जिससे लोग अपने कृषि उपज को कम लागत के साथ बढ़ा सकते है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हाल ही में गरुड़ एयरोस्पेस की चेन्नई निर्माण सुविधा में भारत के पहले ड्रोन स्किलिंग और ट्रेनिंग वर्चुअल ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी.
किसान ड्रोन के बारें में:
गरुड़ एयरोस्पेस द्वारा निर्मित किसान ड्रोन सेंसर, कैमरे और स्प्रेयर सहित हाई टेक्नोलॉजी से लैस एक एग्रीकल्चरल ड्रोन है. इसका उपयोग खाद्य फसल की उत्पादकता बढ़ाने, फसलों को नुकसान से बचाने, हानिकारक रसायनों से किसानों को बचाने आदि कार्यो में किया जाता है.
किसान ड्रोन की मदद से कीटनाशकों और फ़र्टिलाइज़र के सटीक छिड़काव, फसल स्वास्थ्य निगरानी, क्रॉप प्रोडक्शन की निगरानी की जा सकती है.
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