केंद्र सरकार ने 11 मई 2020 को स्पष्ट किया कि राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की अवधि सितंबर तक बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही उसने इस बात पर भी जोर दिया कि बायोमेट्रिक पहचान नहीं होने के बावजूद लाभार्थी को उसके हिस्से का राशन कोटा मिलता रहेगा.
सरकार के बयान के अनुसार, सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन कार्ड को आधार संख्या से जोड़ने की जिम्मेदारी खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की 07 फरवरी 2017 की अधिसूचना के आधार पर दी गई है. इस अधिसूचना को समय-समय पर संशोधित किया जाता रहा है.
राशन देने से मना नहीं
सरकार के अनुसार इस काम की समय-सीमा को बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 तक कर दिया गया है. बयान के अनुसार जब तक मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश नहीं जारी करता तब तक किसी भी सही लाभार्थी को उसके हिस्से का राशन देने से मना नहीं किया जाएगा. मंत्रालय ने कहा कि किसी का राशन कार्ड आधार संख्या नहीं जुड़े होने के कारण रद्द नहीं किया जाएगा.
'एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड' योजना
केंद्र सरकार कोरोना महामारी के बीच 01 जून से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वाकांक्षी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा 'एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड' को अमल में लाने की तैयारी में है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने यह जानकारी हाल ही में दी थी. सुप्रीम कोर्ट भी इससे पहले केंद्र सरकार से कह चुका है कि वह 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे ताकि कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर अनाज मिल सके.
यह प्रक्रिया 17 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में पूरी
राशन कार्ड के साथ आधार विवरण को सम्बद्ध करना और पीडीएस दुकानों पर पॉइंट आफ सेल मशीन स्थापित करना, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को प्रभावी रूप से सक्षम बनाने के लिए अहम हैं. यह प्रक्रिया पहले ही, 17 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में पूरी हो चुकी है, जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड, त्रिपुरा, बिहार, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमन और दीव शामिल हैं.
खाद्य विभाग ने क्या कहा?
खाद्य विभाग ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास से 23.5 करोड़ राशन कार्ड में से लगभग 90 प्रतिशत राशन कार्ड को पहले ही आधार नंबर से जोड़ा जा चुका है. वहीं पीडीएस के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों में से 85 प्रतिशत लोगों के आधार नंबर उनके संबंधित राशन कार्ड से जोड़े जा चुके हैं.
यदि किसी लाभार्थी का आधार ऑथेन्टिकेशन या बायोमेट्रिक प्रोसेस फेल हो जाता है तो भी उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अनाज देने से मना नहीं किया जा सकता है. मौजूदा संकट के बीच सरकार चाहती है कि सभी जरूरतमंद लोगों को इस योजना के तहत लाभ मिल सके.
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