केंद्र सरकार ने 23 जुलाई 2018 को मॉब लिंचिंग को लेकर उच्चस्तरीय समिति गठित की. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने मॉब लिंचिंग के मामलों को लेकर गृह सचिव की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.
मुख्य तथ्य:
केंद्र ने मॉब लिंचिंग पर केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह के गठन का भी फैसला किया है, जो उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश पर विचार करेगी और उसके आधार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी सिफारिश करेगी.
सुप्रीम कोर्ट से मॉब लिंचिंग यानी भीड़ हिंसा पर संसद के जरिए कड़ा कानून बनाने के आदेश के बाद एक्शन में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने गृह सचिव राजीव गाबा की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमिटी बना दी है.
मंत्रीसमूह में राजनाथ सिंह के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा जल संसाधन मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री भी शामिल होंगे.
पृष्ठभूमि:
सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई 2018 को मॉब लिंचिंग की वारदातों पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया था जबकि एक गाइडलाइंस जारी करते हुए राज्य सरकारों को 4 हफ्ते में इस पर अमल करने का आदेश दिया था.
गृह मंत्रालय ने इससे पहले राजस्थान के अलवर में लिंचिंग की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए राजस्थान सरकार से रिपोर्ट भेजने को कहा है. 20 जुलाई 2018 को संदिग्ध गौरक्षकों ने एक 28 साल के व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
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